चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद शुक्रवार को राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को अपना इस्तीफा सौंप दिया। चन्नी की अगुवाई वाले मंत्रिमंडल ने यहां एक वर्चुअल बैठक में विधानसभा भंग करने की सिफारिश करते हुए आम आदमी पार्टी की अगुवाई वाली सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त कर दिया। कांग्रेस को पंजाब विधानसभा चुनावों में करारी शिकस्त मिली है। आम आदमी पार्टी ने 117 सदस्यीय विधानसभा में 92 सीटें जीती जबकि कांग्रेस 18 सीटों पर सिमट गयी।
आप ने शिरोमणि अकाली दल-बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन का भी सफाया कर दिया। शिअद को तीन सीटें जबकि भाजपा को दो और बसपा को महज एक सीट मिली। विधानसभा चुनावों में चन्नी, प्रकाश सिंह बादल, अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू समेत कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा। चन्नी दोनों सीटों पर हार गए जहां से उन्होंने चुनाव लड़ा। चन्नी ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मंत्रिमंडल की बैठक बुलाने के बाद हमने राज्यपाल से 15वीं विधानसभा भंग करने की सिफारिश की है। मैंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।’’ वह चुनाव नतीजे आने के एक दिन बाद अपना इस्तीफा देने राज भवन गए थे।
चन्नी ने कहा, ‘‘हम जनादेश को स्वीकार करते हैं। हम जनता की सेवा करते रहेंगे।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या लोगों ने मुख्यमंत्री के तौर पर उनके 111 दिन के कार्यकाल को पसंद नहीं किया, इस पर चन्नी ने कहा कि वह अगली सरकार से बिजली दरों में कमी, ईंधन की कीमत कम करने जैसे उनकी सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को जारी रखने का अनुरोध करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने नयी सरकार से इन फैसलों को जारी रखने का अनुरोध किया है, जो हमने 111 दिनों में लिए थे।’’
चन्नी ने कहा कि लोग बदलाव चाहते थे और उन्होंने इसके लिए वोट किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि वे (आप) उन सपनों को पूरा करेंगे जो उन्होंने लोगों को दिखाए। हम अगली सरकार के साथ पूरा सहयोग करेंगे।’’ बाद में मुख्यमंत्री कार्यालय में एक प्रवक्ता ने कहा कि पंजाब के राज्यपाल के पास संविधान के अनुच्छेद 174 के खंड (2) के उप-खंड (बी) के अनुसार राज्य विधायिका भंग करने का अधिकार है। मंत्रिमंडल की बैठक खत्म होने के बाद चन्नी ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों, अधिकारियों और कर्मचारियों का राज्य में शांति बनाए रखने और संपूर्ण विकास के लिए आभार जताया।