Highlights
- अमरिंदर ने कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल रही है।
- पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, हम पाकिस्तान की सीमा से 10 किलोमीटर दूर हैं, जहां कार्यक्रम (फिरोजपुर में) होने वाला था।
- पंजाब में हुसैनीवाला के पास सड़क जाम में प्रधानमंत्री का काफिला फंस गया जिसके बाद वह रैली को संबोधित किए बिना लौट गए।
फिरोजपुर: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक की घटना के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि फिरोजपुर, जहां पीएम का कार्यक्रम होने वाला था, पाकिस्तान की सीमा से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर है, ऐसे में सरकार अगर उनकी सुरक्षा नहीं कर सकती तो फिर क्या कर सकती है। अमरिंदर ने कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल रही है। पंजाब में हुसैनीवाला के पास सड़क जाम में प्रधानमंत्री का काफिला फंस गया जिसके बाद वह रैली को संबोधित किए बिना लौट गए।
‘पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए’
‘पंजाब लोक कांग्रेस’ के प्रमुख अमरिंदर ने फिरोजपुर में एक रैली को संबोधित करने के बाद कहा, ‘अगर हमें अपने राज्य को सुरक्षित रखना है और यहां कानून-व्यवस्था बनाए रखनी है, तो मुझे लगता है कि राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।’ कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बनाने वाले अमरिंदर सिंह ने आगामी चुनाव लड़ने के लिए भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन किया है। अमरिंदर ने कहा, ‘हम पाकिस्तान की सीमा से 10 किलोमीटर दूर हैं, जहां कार्यक्रम (फिरोजपुर में) होने वाला था। अगर आप प्रधानमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते तो आप क्या कर सकते हैं? हमें एक मजबूत सरकार की जरूरत है।’
फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसे रहे पीएम
बता दें कि पंजाब के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बुधवार को उस वक्त ‘गंभीर चूक’ की घटना हुई जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने उस सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर दिया जहां से उन्हें गुजरना था और इस कारण वह एक फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसे रहे। इसके चलते, प्रधानमंत्री के काफिले को वापस लौटना पड़ा। बाद में फिरोजपुर में उनकी एक प्रस्तावित रैली व विकास योजनाओं के शिलान्यास संबंधी कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा। इस घटना पर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पंजाब सरकार से इस चूक के लिए एक रिपोर्ट मांगी है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई को कहा है।