Highlights
- पीएम मोदी ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में 'बूथ विजय सम्मेलन' को संबोधित किया
- परिवारवादियों को मालूम नहीं है कि ये जिंदा शहर बनारस है! ये शहर मुक्ति के रास्ते खोलता है- मोदी
- 'मुझे विश्वास है कि काशी की सेवा करते-करते अगर मेरी मृत्यु लिखी होगी तो इससे बड़ा जीवन का सौभाग्य क्या होगा'
वाराणसी (उत्तर प्रदेश): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव पर करारा हमला करते हुए रविवार को कहा कि सार्वजनिक रूप से काशी में उनकी मृत्यु की कामना किए जाने पर उन्हें बहुत आनंद आया। पीएम मोदी ने कहा कि, त्रिशूल के आगे कोई माफिया, कोई आतंकी कभी टिक सकता है क्या? आज सब अपने ठिकाने पर है और कालजयी काशी है देश को दिशा दिखा रही है। कुछ दिन पहले मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा भी बनारस को आशीर्वाद देने फिर से स्थापित हो गई है।
पीएम मोदी ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में भाजपा द्वारा आयोजित 'बूथ विजय सम्मेलन' को संबोधित करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पूर्व में दिए गए एक बयान का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे लगा कि मेरे घोर विरोधी भी ये देख रहे हैं कि काशी के लोगों का मुझ पर कितना स्नेह है। उन लोगों ने तो मेरे मन की मुराद पूरी कर दी। इसका मतलब ये कि मेरी मृत्यु तक ना काशी के लोग मुझे छोड़ेंगे और ना ही काशी मुझे छोड़ेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि काशी में घाटों पर, मंदिरों पर बम विस्फोट होते थे। आतंकवादी बेखौफ थे, क्योंकि तब की समाजवादी सरकार उनके साथ थी। सरकार आतंकियों से खुलेआम मुकदमे वापस ले रही थी। लेकिन, काशी कोतवाल बाबा कालभैरव के आगे इनकी चलने वाली थी क्या? उन घोर परिवारवादियों को मालूम नहीं है कि ये जिंदा शहर बनारस है! ये शहर मुक्ति के रास्ते खोलता है। और अब बनारस, विकास के जिस रास्ते पर चल पड़ा है, वो देश के लिए गरीबी से मुक्ति के रास्ते खोलेगा, अपराध से मुक्ति के रास्ते खोलेगा।
पीएम मोदी ने किसी का नाम लिए बगैर कहा "भारत की राजनीति में कुछ लोग किस हद तक नीचे गिर गए हैं। मैं किसी की व्यक्तिगत आलोचना करना पसंद नहीं करता लेकिन जब सार्वजनिक रूप से काशी में मेरी मृत्यु की कामना की गई तो वाकई मुझे बहुत आनंद आया। उन लोगों ने तो मेरे मन की मुराद पूरी कर दी। इसका मतलब यह कि मेरी मृत्यु तक ना काशी के लोग मुझे छोड़ेंगे और ना ही काशी मुझे छोड़ेगी।"
प्रधानमंत्री ने कहा "मुझे विश्वास है कि काशी की सेवा करते करते अगर मेरे मृत्यु लिखी होगी तो इससे बड़ा जीवन का सौभाग्य क्या होगा। उन घोर परिवारवादियों को मालूम नहीं है कि यह जिंदा शहर बनारस है। यह बनारस मुक्ति के रास्ते खोलता है और बनारस विकास के जिस रास्ते पर चल पड़ा है वह देश के लिए गरीबी और अपराध से मुक्ति के रास्ते भी खोलेगा। यही मार्ग परिवारवाद में जकड़े भारत के लोकतंत्र को भी मुक्ति का रास्ता दिखाएगा।"
गौरतलब है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी के लंबे दौरे के बारे में संवाददाताओं से बातचीत में कहा था "प्रधानमंत्री वहां दो-तीन महीने रहें। अच्छी बात है। वह जगह रहने वाली है। आखिरी समय पर वहीं रहा जाता है, बनारस में।"