Highlights
- कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू को लेकर किया बड़ा खुलासा
- नवजोत सिंह सिद्धू को अपने मंत्रीमंडल में रखने के लए पाकिस्तान से आयी सिफारिश
पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब लोक कांग्रेस के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू पर बड़ा आरोप लगाया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि 'पाकिस्तान से मुझे मैसेज आया कि प्रधानमंत्री ने एक निवेदन किया है कि अगर आप नवजोत सिंह सिद्धू को अपने मंत्रीमंडल में रखना चाहते हैं तो मैं इसका आभारी रहूंगा वे हमारे पुराने मित्र है। लेकिन अगर वे काम न करें तो उन्हें निकाल देना।'
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दावा करते हुए कहा कि मैंने मना कर दिया और अपनी कैबिनेट से भी निकाल दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा सिद्धू किसी काम के नहीं है, बिल्कुल अयोग्य व्यक्ति हैं, उनको काम करना नहीं आता है। अमरिंदर सिंह ने कहा कि 28 जुलाई को मैंने उन्हें अपनी कैबिनेट से निकाला, उन्होंने 70 दिन तक एक फाइल पर साइन नहीं किया।
बता दें कि, 2017 में पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने पर कैप्टन अमरिंदर सिंह के सरकार में सिद्धू मंत्री बने। हालांकि, वो लगातार विवादों में बने रहे और 2019 में उन्होंने मंत्री पद छोड़ दिया। उन्होंने कई बार अमरिंदर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। 2018 में इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान जाने को लेकर भी सिद्धू खूब निशाने पर रहे। इसके लिए अमरिंदर सिंह ने सिद्धू की आलोचना भी की थी।
कैप्टन और सिद्धू के बीच चल रही बयानबाजी चुनाव नजदीक आते ही और तेज हो गई है। कैप्टन सिद्धू को पाक परस्त और असंतुलित व्यक्ति बताते हैं तो वहीं सिद्धू कहते हैं कि मैंने कैप्टन के लिए कांग्रेस के दरवाजे बंद किए थे। इससे पहले रविवार को सिद्धू पर निशाना साधते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि जो व्यक्ति दावा करता हो कि वह हर दिन एक घंटा सुबह और एक घंटा शाम ईश्वर से सीधे बातें करता है, वह दिमागी तौर पर संतुलित कैसे हो सकता है?
उन्होंने कहा कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सिद्धू पाकिस्तान जाकर वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान और जनरल बाजवा के साथ चाहे जितनी भी झप्पियां डालें, लेकिन उससे शांति नहीं लाई जा सकती। न ही देश के लोग ही इस बात को स्वीकार कर पाएंगे, जबकि हमारे सैनिक आए दिन मारे जा रहे हों। उन्होंने कहा कि यदि ताजा आंकड़े ही लिए जाएं तो पता चलता है कि 2017 से अब तक अकेले पंजाब के रहने वाले 83 फौजियों की मौतें पाकिस्तानी फायरिंग में हुई हैं।