अगरतला: त्रिपुरा विधानसभा में विपक्ष के नेता माणिक सरकार ने बुधवार को कहा कि सूबे में भारतीय जनता पार्टी के ‘कुशासन’ के चलते विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एक साथ आए हैं। त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 16 फरवरी को मतदान होना है, और चुनावों के नतीजे 2 मार्च को आएंगे। 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने माणिक सरकार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही CPM को बुरी तरह पराजित किया था।
‘भारतीय जनता पार्टी डरी हुई है’
दक्षिण त्रिपुरा जिले के जुलाईबाड़ी में एक रैली को संबोधित करते हुए सरकार ने कहा, ‘CPM ने राज्य में BJP को सत्ता से बेदखल करने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों से हाथ मिलाने के लिए आगे आने को कहा था। पूर्वोत्तर राज्य में लोकतंत्र को बहाल करने के लिए हमें कांग्रेस तथा एक और पार्टी से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।’ सरकार ने कहा कि BJP पार्टी डरी हुई है और यह आरोप लगाकर लोगों को गुमराह कर रही है कि CPM और कांग्रेस कई वर्षों से आपस में लड़ रहे थे और वे चुनाव से पहले अचानक एक साथ आ गए।
2018 में CPM की हुई थी करारी मात
त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पिछले 5 सालों में बीजेपी के कुशासन ने CPM और कांग्रेस को एक साथ ला दिया है। इसके लिए BJP जिम्मेदार है, इसका श्रेय आपको जाता है।’ माणिक सरकार ने कहा कि CPM के नेतृत्व वाला लेफ्ट फ्रंट न केवल राज्य में बल्कि केंद्र से भी बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाना चाहता है। बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनावों में CPM की करारी हार हुई थी और उसे 60 में से सिर्फ 16 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि बीजेपी ने 36 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी।
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