मैनपुरी उपचुनाव से पहले आज 17 नवंबर को चाचा भतीजा यानी शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के दो ट्वीट ने यादव कुनबे को फिर एकसाथ खड़ा कर दिया। मैनपुरी में अखिलेश ने डिंपल यादव को मैदान में उतारा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक तस्वीर ट्वीट कर उन सभी कयासों और अटकलों पर विराम लगा दिया है, जिसमें माना जा रहा था कि शिवपाल बीजेपी के पक्ष में खड़े हो सकते हैं। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है।
इस उपचुनाव के मद्देनजर अखिलेश यादव ने एक तस्वीर ट्वीट की। साथ ही इसमें लिखा कि 'नेताजी और घर के बड़ों के साथ-साथ मैनपुरी की जनता का भी आशीर्वाद साथ है! इस ट्वीट से जाहिर है कि अखिलेश राजनीतिक विरोधियों और मैनपुरी की जनता को यह बताना चाह रहे हैं कि मुलायम सिंह के निधन के बाद घर के बड़े रामगोपाल यादव के बाद अब चाचा शिवपाल यादव का भी आशीर्वाद है।
ट्वीट पर जारी तस्वीर में चाचा शिवपाल के साथ नजर आए अखिलेश
अखिलेश यादव की ओर से ट्वीट की गई इस तस्वीर में उनके साथ मैनपुरी उपचुनाव में सपा प्रत्याशी डिंपल यादव, चाचा शिवपाल सिंह यादव और उनके बेटे आदित्य यादव नजर आ रहे हैं। अखिलेश यादव के इस ट्वीट के बाद अब माना जा रहा है कि शिवपाल सिंह यादव को मनाने की कवायद पूरी हो गई है और वह स्पष्ट तौर पर चुनाव में डिंपल का साथ देंगे और उनके लिए चुनाव प्रचार करेंगे।
अखिलेश के ट्वीट के बाद कुछ घंटों बाद शिवपाल ने किया ट्विटर पर कही ये बात
मैनपुरी उपचुनाव से पहले अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव ने एक तस्वीर अपने-अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की। अखिलेश ने फोटो के साथ लिखा, नेताजी और घर के बड़ों के साथ-साथ मैनपुरी की जनता का भी आशीर्वाद साथ है। यही तस्वीर कुछ घंटों बाद शिवपाल यादव के अकांउट से शेयर हुई। इसके साथ लिखा था, जिस बाग को सींचा हो खुद नेताजी ने, उस बाग को अब हम सीचेंगे अपने खून पसीने से।
बीजेपी ने रघुराज शाक्य को मैनपुरी से दिया टिकट
डिंपल की उम्मीदवारी के बाद बीजेपी ने रघुराज शाक्य को मैनपुरी से टिकट दिया है। डिंपल के नामांकन के समय न तो शिवपाल मौजूद रहे थे, न उनके बेटे आदित्य यादव। लेकिन ट्विटर की तस्वीरों ने कहानी पलट दी।
नेताजी के निधन के बाद चाचा-भतीजे के फिर से हाथ मिलाने की थी अटकलें
सपा संस्थापक और तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव का 10 अक्टूबर, 2022 को 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लगभग एक पखवाड़े तक चले मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार से संबंधित रस्मों के दौरान शिवपाल सिंह और अखिलेश यादव के बीच करीबी ने "चाचा-भतीजा" के फिर से हाथ मिलाने की अटकलें तेज कर दी थीं। शिवपाल सिंह और अखिलेश यादव मार्च में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक साथ आए थे, लेकिन चुनावों के बाद रिश्ते सहज नहीं रहे और वे फिर से अलग हो गए।