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कर्नाटक चुनाव परिणाम: जानिए कांग्रेस की प्रचंड जीत के पीछे क्या रही बड़ी वजह, बीजेपी कहां खा गई मात?

कर्नाटक का चुनाव परिणाम आ चुका है। प्रदेश में कांग्रेस पार्टी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रही है। यह चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए ऑक्सीजन का काम करेंगे। आइए इस लेख में जानते हैं कि कांग्रेस को कर्नाटक में इतनी बड़ी जीत की क्या बड़ी वजहें रहीं और बीजेपी कहां चूक गई।

Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: May 13, 2023 20:41 IST
Karnataka Election Results, Congress, BJP- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV कर्नाटक चुनाव परिणाम: कांग्रेस की प्रचंड जीत के पीछे क्या रही बड़ी वजह

Karnataka Assembly Election Results 2023: कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ विधानसभा चुनाव जीत लिए हैं। यह परिणाम भारतीय जनता पार्टी के लिए एक बड़े झटके तो कांग्रेस के लिए ऑक्सीजन का काम करेंगे। इन चुनाव परिणामों का हवाला देकर कांग्रेस ने विपक्षी दलों को यह संदेश दे दिया है कि आम चुनावों में उसे नजरंदाज करके कोई भी मोर्चा नहीं बनाया जा सकता है। इन चुनावों में जीत के साथ ही बीजेपी दक्षिण भारत के एकमात्र राज्य की सत्ता से बाहर हो गई है। वैसे तो इन चुनावों में कांग्रेस की जीत और बीजेपी की पराजय के कई फैक्टर रहे हैं, लेकिन इस लेख में हम कुछ मुख्य वजहों पर नजर डालेंगे।

स्थानीय नेताओं को बढ़ावा देना 

कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत की सबसे बड़ी वजह स्थानीय नेताओं को मजबूती के साथ चुनाव लड़ाना और उन्हें ही प्राथमिकता देना रहा। पार्टी ने डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया को आगे करके चुनाव लड़ा, जबकि राष्ट्रीय स्तर के नेता दूसरी पंक्ति में खड़े नजर आये। कांग्रेस के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी कर्नाटक से ही आते हैं लेकिन वे भी दूसरी पंक्ति में ही नजर आये। इसके साथ ही राहुल और प्रियंका गांधी समेत कई बड़े नेता भी इसी पंक्ति में रहे। वहीं बीजेपी लगातार नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा और अमित शाह के चेहरे पर चुनाव लड़ती रही। यह कदम इन चुनावों में बीजेपी पर भारी पड़ गया। कहने के लिए स्थानीय नेता के तौर पर बीएस येदियुरप्पा पार्टी का चेहरा थे लेकिन वह चुनाव ही नहीं लड़ रहे थे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की स्वीकार्यता कांग्रेस ने नेताओं की तरह नहीं थी।

स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ना 

कांग्रेस पार्टी ने इन चुनावों में विवादित मुद्दों को चिमटे से भी नहीं छुआ। वह और उसके नेता स्थानीय मुद्दों को लेकर ही रैलियां और जनसभाएं करते रहे। पार्टी ने यह चुनाव निकाय चुनाव के अंदाज में लड़ा। पार्टी के नेताओं ने गलिओं और चौराहों पर छोटी-छोटी जनसभाएं कीं। राहुल गांधी ने छात्रों, मजदूरों और युवाओं के साथ मुलाकातें कीं। इसी तरह पार्टी के अन्य नेता भी इसी पैटर्न पर प्रचार करते हुए नजर आये। उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टचार के मुद्दे पर बीजेपी की सरकार के खिलाफ जमकर प्रचार किया और इसका फायदा भी कांग्रेस को मिला। वहीं इसके उलट बीजेपी ने स्थानीय मुद्दों से कहीं ज्यादा विवादित मुद्दों को प्राथमिकता दी। पीएम मोदी ने अपनी जनसभाओं में राष्ट्रीय मुद्दों और उनकी सरकार के कामों को लेकर जनता से वोट करने की अपील की लेकिन जनता पर उस अपील को कोई ज्यादा असर नहीं हुआ और इन चुनावों में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा।

भ्रष्टचार का मुद्दा और "PayCM" अभियान पड़ा बीजेपी पर भारी  

इन चुनावों में कांग्रेस ने बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ जमकर प्रचार किया। पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर जमीनी स्तर तक गई और "PayCM" और "40 प्रतिशत सरकार" जैसे कई अभियान चलाए। बोम्मई के चेहरे वाले पोस्टर और 'PayCM' शीर्षक वाला एक क्यूआर कोड कर्नाटक के विभिन्न स्थानों पर चिपकाया गया था। 'पेसीएम' क्यूआर कोड को स्कैन करने पर, यह लोगों को सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतें दर्ज करने के लिए हाल ही में केपीसीसी द्वारा शुरू की गई एक वेबसाइट पर ले गया। वहीं इन सबके बीच भ्रष्टाचार के आरोपों और कमीशन लेने के आरोपों के चलते केएस ईश्वरप्पा का इस्तीफा और एक बीजेपी विधायक की गिरफ्तारी बीजेपी के लिए नुकसानदायक और कांग्रेस के अभियान के लिए लाभदायक बन गई।

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