बेंगलुरु: कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी की राह आसान नजर नहीं आ रही है। अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट की घोषणा करने के बाद बीजेपी को चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे उन नेताओं की जबरदस्त नाराजगी झेलनी पड़ रही है जिन्हें टिकट नहीं मिला। लिस्ट आने के साथ ही कर्नाटक की सत्ता पर काबिज बीजेपी में जमकर असंतोष देखने को मिल रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में बीजेपी के लिए अपने नाराज नेताओं को मनाना एक बड़ी चुनौती होगी।
आर. शंकर ने MLC पद से दिया इस्तीफा
बीजेपी द्वारा अथानी से टिकट नहीं दिए जाने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने बुधवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। वहीं, टिकट न मिलने पर मंत्री और सुलिया क्षेत्र से 6 बार के विधायक एस. अंगारा ने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। उडुपी के विधायक रघुपति भट ने टिकट न मिलने के बाद कहा कि पार्टी द्वारा उनके साथ किए गए व्यवहार से उन्हें बहुत पीड़ा हुई है। वहीं, रानीबेन्नूर विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे BJP के MLC आर. शंकर ने टिकट न मिलने पर विधायक पद से इस्तीफा दे दिया।
‘मैंने निश्चित रूप से एक फैसला ले लिया है’
बीजेपी ने चुनाव के लिए मंगलवार को विधानसभा की कुल 224 सीटों में से 189 के लिये कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट जारी की थी। इस बार पार्टी ने 52 नए चेहरों को चुनावी मैदान में हाथ आजमाने का मौका दिया है। नेताओं की नराजगी पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि पार्टी उन सभी असंतुष्टों से बात करेगी, और उनकी चिंताओं का ध्यान रखेगी। 63 साल के सावदी ने बेलगावी में कहा, ‘मैंने निश्चित रूप से एक फैसला लिया है। मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है।’
कुमाथल्ली को बेलगावी से मिला टिकट
कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच 3 बार के विधायक सावदी ने कहा कि वह गुरुवार की शाम को ‘मजबूत निर्णय’ लेंगे और शुक्रवार से इस पर काम करना शुरू कर देंगे। बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री रमेश जारकीहोली का समर्थन रखने वाले मौजूदा विधायक महेश कुमाथल्ली को बेलगावी जिले के अथानी से टिकट दिया गया है। कुमाथल्ली पाला बदलने वालों के उस गुट में शामिल थे जिनमें जारकीहोली भी थे। इनके पाला बदलने से बीजेपी को कांग्रेस-JDS की सरकार को गिराने और 2019 में बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में सरकार बनाने में मदद मिली थी।
‘मैं टिकट नहीं दिए जाने से असंतुष्ट नहीं हूं’
काफी व्यथित दिख रहे अंगारा ने कहा कि समर्पण के साथ पार्टी के लिए मेहनत करने वाले विधायक के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, “मैं पार्टी द्वारा टिकट नहीं दिए जाने से असंतुष्ट नहीं हूं। लेकिन यह पार्टी और समाज के लिए बिना किसी काले धब्बे के काम करने के लिए (मुझे) सम्मान देने का कोई तरीका नहीं है। ईमानदारी का कोई मूल्य नहीं है।’ अंगारा ने कहा कि वह राजनीति से संन्यास ले रहे हैं और अब वह पार्टी के लिए काम नहीं करेंगे।
सुलिया से भागीरथी मुरुल्या हैं कैंडिडेट
सुलिया से भारतीय जनता पार्टी ने भागीरथी मुरुल्या को अपना उम्मीदवार बनाया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, टिकट तय करते समय बीजेपी ने कुछ वरिष्ठों और ‘रिटायरमेंट’ (75 साल की उम्र) के करीब लोगों को बदलने की कोशिश करने की नीति अपनाई है, जबकि नेताओं से कहा है कि अगर वे अपने बच्चों के लिये टिकट चाहते हैं तो वे मैदान से हट जाएं। बीजेपी के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘यह दूसरी लिस्ट में भी नजर आ सकता है।’