Karnataka Assembly Election 2023: देश में हर 4 महीने में कोई न कोई चुनाव होते ही रहते हैं। साल 2014 के बाद से भारतीय जनता पार्टी लगातार कई राज्यों में एक के बाद एक जीत हासिल करती जा रही है। वहीं लोकसभा चुनाव में भी भाजपा 2014 के बाद से ही काबिज है। इस बीच आज शाम तक कर्नाटक विधानसभा चुनाव का रिजल्ट तय हो जाएगा। राज्य में कोई एक पार्टी बहुमत से सरकार बनाएगी या राज्य में त्रिशंकु सरकार बनेगी। 13 मई की शाम तक यह भी तय हो जाएगा। लेकिन समस्या है तो सिर्फ EVM (Electronic Voting Machine)। ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि 2014 के बाद से जितने भी चुनाव हुए हैं उनमें ईवीएम का मुद्दा जोरों-शोरों से उठा है।
क्या फिर खराब होगा ईवीएम?
चुनाव के बाद जब किसी पार्टी की हार होने लगती है तो हारने वाली पार्टी द्वारा लगातार ईवीएम का मुद्दा उठाया गया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव 2019, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव, पंजाब विधानसभा चुनाव, निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव में बार-बार ईवीएम के मुद्दे पर बवाल देखने को मिला है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान शुभेंदु अधिकारी से हार मिलने के बाद ममता बनर्जी ने भी ईवीएम का मुद्दा उठाया था और यह मामला कोर्ट तक पहुंचा था। लगभग सभी चुनावों में हार मिलता देख कई पार्टियों द्वारा यह कहा जाता है कि ईवीएम खराब है या सत्ताधारी सरकार द्वारा ईवीएम के साथ छेड़खानी की गई है।
कांग्रेस ने ईवीएम पर पहले ही सवाल खड़े कर दिए
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा से पहले ही 12 मई के दिन कांग्रेस ने ईवीएम पर सवाल खड़ा कर दिया था। कांग्रेस ने कहा था कि इन ईवीएम का उपयोग दक्षिण अफ्रीका में पहले किया जा चुका है। इस आरोप को गलत बताते हुए चुनाव आयोग ने कहा उन्हें अफवाह फैलाने की गंभीर क्षमता वाली झूठी सूचना के स्रोतों को सार्वजनिक करना चाहिए ताकि उसपर कार्रवाई हो सके। चुनाव आयोग ने कहा कि कर्नाटक चुनाव में इस्तेमाल हुए ईवीएम का पहली बार प्रयोग हो रहा है। बता दें कि कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पत्र लिखकर बताया था कि ईवीएम का इस्तेमाल दक्षिण अफ्रीका में पहले ही किया जा चुका है।