Highlights
- तुष्टीकरण की राजनीति कर रही समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल का असली चेहरा फिर सबके सामने आ गया है: बालियान
- संजीव बालियान ने कहा- जाट समाज कभी अपने अपमान को नहीं भूलेगा, इसीलिए जगह-जगह इनका विरोध हो रहा है।
- केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव में हार और प्रत्याशियों के विरोध को देखते हुए आरएलडी बैकफुट पर आ गया है।
लखनऊ: केंद्रीय मंत्री डॉक्टर संजीव बालियान ने राष्ट्रीय लोकदल पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया और उनकी पत्नी के ट्विट इस बात के गवाह हैं कि चुनाव के पहले ही उन्हें हार दिखने लगी है और चुनाव में उन्हें हिंदू-मुस्लिम की याद आ रही है। बालियान ने कहा, ‘तुष्टीकरण की राजनीति कर रही समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल का असली चेहरा फिर सबके सामने आ गया है। जाट समाज कभी अपने अपमान को नहीं भूलेगा, इसीलिए जगह-जगह इनका विरोध हो रहा है।’
‘उम्मीदवारों का विरोध हुआ तेज’
बालियान ने गुरुवार को कहा कि पश्चिमी यूपी में शुक्रवार को नामांकन का आखिरी दिन है और जाट समाज की अनदेखी पर सपा-आरएलडी गठबंधन के घोषित उम्मीदवारों का विरोध तेज हो गया है। उन्होंने कहा, ‘चुनाव से पहले ही इनके प्रत्याशियों को जनता ने नकार दिया है। जिस कारण राष्ट्रीय लोकदल मुखिया को समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें और क्या न करें। इसीलिए वह अपनी खीझ जाट समाज के नेताओं पर निकाल रहे हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब मुजफ्फरनगर में दंगे हुए थे, उस समय वह कहां थे? उनकी पार्टी कहां थी?’
‘इस बार सिर्फ सुशासन चलेगा’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव में हार और प्रत्याशियों के विरोध को देखते हुए आरएलडी बैकफुट पर आ गया है, जिस कारण उसे अपने प्रत्याशियों को भी बदलना पड़ा। उन्होंने कहा कि इसीलिए चुनाव में हिंदू-मुस्लिम की बात कर रहे हैं। बालियान ने राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया की पत्नी के इमोशनल कार्ड पर पलटवार करते हुए कहा कि आरएलडी प्रमुख की पत्नी ने ट्विटर पर इमोशनल कार्ड खेला है, लेकिन इस बार इमोशनल कार्ड नहीं, सुशासन चलेगा।