BJP's Historic Victory in Gujarat Assembly & PM Modi: गुजरात विधानसभा में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के साथ कई बड़े रिकॉर्ड और अदभुत संयोग एक साथ जुड़ गए हैं। गुजरात विधानसभा के इतिहास में भाजपा ने 150 से अधिक सीटें जीतकर पूर्व के सारे रिकॉर्ड को मिट्टी में मिला दिया है। 182 विधानसभा सीटों वाले गुजरात में भाजपा की इतनी बड़ी जीत इसलिए भी ऐतिहासिक हो चुकी है कि वह लगातार 27 वर्षों से राज्य की सत्ता में है। इससे पहले पीएम मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2007 में भाजपा को 127 सीटों पर जीत मिली थी।
कांग्रेस के रिकॉर्ड को भाजपा ने किया ध्वस्त
गुजरात में अभी तक सबसे अधिक सीटों पर जीतने का रिकॉर्ड कांग्रेस के पास था। कांग्रेस ने वर्ष 1985 में माधव सिंह सोलंकी के नेतृत्व में रिकॉर्ड 149 सीटों पर जीत हासिल की थी। सोलंकी तीन बार गुजरात के सीएम रहे। इससे पहले वर्ष 1980 में भी कांग्रेस को 141 सीटों पर विजय मिली थी। मगर भाजपा ने अब 155 से अधिक सीटें जीतकर कांग्रेस के इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। इस बड़ी जीत के बाद भाजपा गुजरात से लेकर दिल्ली तक जश्न में डूब गई है। हालांकि वर्ष 2022 का गुजरात विधानसभा चुनाव इस बार भाजपा के लिए बहुत टफ माना जा रहा था। आम आदमी पार्टी के मैदान में उतरने से भाजपा, कांग्रेस और आप के बीच त्रिकोणीय मुकाबलों के आसार थे। इसने भाजपा को टेंशन में डाल दिया था। भाजपा नेताओं को भी चुनाव से पहले अंदाजा नहीं था कि वह इतनी बड़ी जीत गुजरात विधान सभा चुनावों में 27 वर्षों तक सत्ता में रहने के बावजूद हासिल कर सकती है। मगर अब भाजपा ने एंटी इन्कंबेंसी की सारी गुंजाइशों को खत्म करते हुए गुजरात में जीत का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनाकर कांग्रेस को राज्य में हासिये पर ला दिया है।
कांग्रेस को मिली सबसे बड़ी हार
गुजरात में कांग्रेस 20 से कम सीटों पर सिमटती दिख रही है। इतनी बड़ी हार कांग्रेस की इससे पहले कभी नहीं हुई थी। गुजरात में वर्ष 1990 के चुनाव में कांग्रेस को सबसे कम 33 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार कांग्रेस उस रिकॉर्ड से भी पीछे रह गई है। यह गुजरात में कांग्रेस का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है। वहीं गुजरात में सरकार बनाने का दावा करने के लक्ष्य से उतरी अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सकी। उसके सभी बड़े चेहरे भारी अंतर से चुनाव हार गए। गुजरात में कांग्रेस का सक्रिय नहीं होना और आप की एंट्री को भी भाजपा की इस बड़ी जीत का कारण माना जा रहा है।
गुजरात में चला पीएम मोदी का जादू
गुजरात में भाजपा की अब तक की सबसे बड़ी जीत के हीरो पीएम मोदी रहे हैं, जिन्होंने राज्य में 31 बड़ी रैलियां और तीन बड़े रोड शो करके चुनावी माहौल को भाजपा की ओर मोड़ दिया। यह चुनाव ठीक उस मैच की तरह हो गया, जब किसी एक खिलाड़ी ने दूसरी टीम की जीत की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए अकेले दम पर बड़ी जीत दिला दे। गुजरात में 27 वर्षों तक सत्ता में रहने और चुनावी महासमर में आप के कूदने के बाद भाजपा भी अंदर ही अंदर जीत को लेकर आशंकित हो गई थी। मगर आखिर में पीएम मोदी की ऐसी सुनामी चली कि कांग्रेस और आप हवा में उड़ गए। इससे प्रधानमंत्री की लोकप्रियता और गुजरातवासियों का उनके प्रति लगाव का अंदाजा भी आसानी से लगाया जा सकता है। गुजरात ने यह साबित कर दिया है कि पीएम मोदी उस राज्य के लाडले हैं। वह गुजारत के गौरव और लोगों के अभिमान बन चुके हैं। पीएम मोदी ने 13 वर्षों तक गुजरात के सीएम रहने के दौरान राज्य को जिन बुलंदियों पर ले गए जनता आज भी उनकी कायल दिखती है। इसलिए पीएम मोदी के सम्मान में जनता ने उनकी झोली में अब तक की सबसे बड़ी जीत डाल दिया।
पीएम मोदी से 10 वर्ष छोटा है गुजरात
गुजरात पहले मुंबई प्रेसिडेंसी का हिस्सा था। मगर वर्ष 1960 में भाषाई विविधता के आधार पर मुंबई प्रेसिडेंसी के दो टुकड़े हो गए और गुजरात व महाराष्ट्र के रूप में मुंबई बंट गया। इस प्रकार अब गुजरात की उम्र 62 वर्ष हो चुकी है। जबकि पीएम मोदी 72 वर्ष के हैं। मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वड नगर में हुआ था। इस लिहाज से गुजरात पीएम मोदी से उम्र में 10 वर्ष छोटा है। यह भी अजीब संयोग है। इसके अलावा भाजपा गुजरात में सातवीं जीत के साथ देश की दूसरी ऐसी पार्टी हो गई है, जो लगातार किसी राज्य में 30 वर्ष से अधिक समय तक शासन का रिकॉर्ड बना रही है। अभी तक सबसे लंबे शासन का रिकॉर्ड मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पास है, जिसने पश्चिम बंगाल में लगातार 34 वर्षों तक शासन किया है। माकपा पश्चिम बंगाल में वर्ष 1977 से 2011 तक लगातार सत्ता में रही। अब भाजपा गुजरात में लगातार 32 वर्ष तक सत्ता में रहेगी। वर्ष 2022 में भाजपा का यह रिकॉर्ड इस मायने में बेहद खास हो गया है।