हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना जारी है। अभी तक सभी 68 सीटों पर रुझान आ चुके हैं। इसमें कांग्रेस को 39 सीटें, बीजेपी को 26 सीटें मिलती दिख रही हैं। रूझानों को देखते हुए कांग्रेस पार्टी में काफी हलचल बढ़ गई है। उधर, सत्तारूढ़ पार्टी के CM जयराम ठाकुर ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। यूं तो कांग्रेस में CM पद के कई दावेदार हैं लेकिन इस रेस में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी प्रतिभा सिंह सबसे आगे हैं। आपको बता दें कि प्रतिभा सिंह कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
हिमाचल प्रदेश के नतीजों को लेकर प्रतिभा सिंह का पहला बयान सामने आया है, उन्होंने कहा, "लोगों ने हमें जनादेश दिया है। हम चंडीगढ़ या राज्य में कहीं भी अपने विधायकों से मिल सकते हैं। जो जीते हैं वे हमारे साथ रहेंगे और हम सरकार बनाएंगे।" इसके बाद उन्होंने CM पद की दावेदारी को लेकर कहा कि मैं क्यों नहीं बन सकती CM? इस पर पार्टी आलाकमान को फैसला लेना है। हालांकि, आप वीरभद्र सिंह के योगदान को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। वीरभद्र सिंह के नाम पर हम ये चुनाव जीते हैं। वहीं हिमाचल में कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि हाईकमान तय करेगा कि हिमाचल का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।
कांग्रेस में सीएम पद के कई दावेदार
हिमाचल प्रदेश में अब तक रूझानों में कांग्रेस आगे चल रही है। देखने वाली बात यह है कि क्या यह रूझान जीत में तब्दील होते हैं या नहीं। यदि कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो मुख्यमंत्री के लिए चेहरा तय करना आला कमान के लिए आसान नहीं होगा। यह सब निर्भर करेगा कि कांग्रेस कितनी मजबूत स्थिति में होती है और नए विधायकों में किस गुट के कितने हैं। सीएम पद की रेस में आधा दर्जन से ज्यादा नाम हैं। हिमाचल में कांग्रेस की तरफ से पांच बड़े दावेदार हैं।
प्रतिभा सिंह
मंडी लोकसभा सीट से सांसद प्रतिभा सिंह ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन वीरभद्र सिंह की विरासत के तौर वो सीएम पद का दावा कर रही हैं क्योंकि कांग्रेस ने राजा वीरभद्र के चेहरे का इस्तेमाल पूरे प्रचार अभियान में किया था। इसलिए प्रतिभा सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू
हमीरपुर जिले में अपनी सीट नादौन से आगे चल रहे नेता सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रही है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे सुखविंदर सिंह सुक्खू को इस बार प्रचार समिति का प्रमुख बनाया गया था। सुक्खू को राहुल गांधी की पसंद माना जाता है। हालांकि उनके राजा वीरभद्र से मतभेद थे और कहा जाता है कि प्रतिभा सिंह उनकी ताजपोशी का पुरजोर विरोध करेंगी।
मुकेश अग्निहोत्री
मौजूदा नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ऊना जिले की हरोली सीट से चुनाव लड़ रहे थे। बता दें कि मुकेश अग्निहोत्री का नाम सीएम पद के लिए आगे किया जा लकता है क्यों कि वह मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बहुत ही करीबी माने जाते हैं। वह राजा वीरभद्र सिंह के सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
ठाकुर कौल सिंह
ठाकुर कौल सिंह मंडी जिले की दरांग सीट से आठ बार विधायक चुने गए। ठाकुर कौल सिंह कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता हैं। 77 साल के कौल सिंह राजा वीरभद्र सिंह के निधन के बाद प्रतिभा सिंह के समर्थन में मजबूती से खड़े हुए थे। पार्टी में इतने सालों की मेहनत के बदौलत उन्हें CM बनाया जा सकता है। कौल सिंह पिछला चुनाव हार गए थे और एक बार फिर दरंग सीट से मैदान में हैं। कौल सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी को सबसे मजबूत बताया है। दिल्ली में मीडिया से बातचीत में कौल सिंह ठाकुर ने एक सवाल के जवाब पर कहा कि मेरी मंशा कुछ नहीं। अगर सीनियोरिटी, अनुभव व मैच्योरिटी देखी जाए तो उनके मुकाबले में कोई नहीं है।
आशा कुमारी
चंबा जिले की डलहौजी सीट से छह बार की विधायक आशा कुमारी पंजाब कांग्रेस की प्रभारी रह चुकी हैं। छह बार की कांग्रेस विधायक आशा कुमारी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार डी. एस. ठाकुर से 9,918 मतों से हार गईं। महिला चेहरे के साथ ही आशा कुमारी का दावा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि वो छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री टी.एस. सिंह देव की बहन हैं। छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के कथित समझौते के बावजूद टी.एस. सिंह देव को सीएम की कुर्सी नहीं मिल पाई थी। माना जा रहा है कि इसकी भरपाई हिमाचल में की जा सकती है। कांग्रेस के विधानसभा चुनाव जीतने की स्थिति में आशा कुमारी मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों में एक हैं।