Highlights
- ओवैसी ने बिजनौर में शोषित वंचित समाज सम्मलेन को संबोधित किया
- ओवैसी ने लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष से 21 करने की भी आलोचना की
- मुसलमानों को वोटों की मशीन नहीं बनना चाहिए- ओवैसी
बिजनौर: उतर प्रदेश के बिजनौर में आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा के 'सबका साथ, सबका विकास' नारे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा कटाक्ष किया। ओवैसी ने यहां रविवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सबका साथ सबका विकास का नारा तब चरितार्थ होता जब ज्ञानवापी मस्जिद,दिल्ली की जामा मस्जिद, अजमेर दरगाह और मथुरा की मस्जिद को भी संवारा जाता। उन्होंने लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष से 21 करने की भी आलोचना की।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी के बिजनौर में शोषित वंचित समाज सम्मलेन को संबोधित करते हुए कहा कि 4 किसानों की रौंदकर हत्या करने के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को प्रधानमंत्री ब्राह्मणों की नाराजगी की वजह से नही हटा रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि लखीमपुर मामले में प्रधानमंत्री अपने मंत्रीमंडल से केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को इसलिए नही हटा रहे हैं क्योंकि उन्हें इस बात का डर है कि कहीं उत्तर प्रदेश का ब्राह्मण वोटर नाराज ना हो जाए।
हैदराबाद से सांसद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों को वोटों की मशीन नहीं बनना चाहिए। इतनी बड़ी ताकत में होने के बावजूद उन्होंने कुछ हासिल नहीं किया, जबिक सभी बिरादरियों के नेता हैं। रविवार को नगीना में शोषित वंचित समाज सम्मेलन में आए ओवैसी ने बसपा सपा और भाजपा पर जमकर प्रहार किए। ओवैसी ने कहा कि दलितों ने मायावती को अपना नेता बनाया। यादवों ने अखिलेश यादव को नेता चुना। चौधरी चरण सिंह से लेकर जयंत तक कहते हैं कि जाट हमारे साथ हैं। कुर्मियों ने अपने नेताओं को पैदा किया। मुसलमानों का कोई नेता नहीं है। मुसलमानों को केवल वोट की मशीन नहीं बनना चाहिए, उन्हें अपना नेता चुनना चाहिए और उसे जिताकर विधानसभा में भेजना चाहिए, जिससे वह उनके हक की लड़ाई लड़ सके।
मुजफ्फरनगर दंगे के समय 60 विधायक थे मुस्लिम, किसी ने भी नहीं की हिमायत
ओवैसी ने आगे कहा कि मुसलमानों की जनसंख्या 19 प्रतिशत है। मुसलमान जब कांग्रेस से नाराज हुए तो बसपा और सपा का साथ दिया। किसी ने नहीं कहा कि मुसलमान को सांसद व विधायक बनाओ। सपा-बसपा हमेशा भाजपा का डर दिखाकर डराकर वोट मांगती है। मुजफ्फरनगर दंगे के समय 60 विधायक मुस्लिम थे, लेकिन किसी भी विधायक ने मुसलमानों की हिमायत नहीं की और न ही किसी ने कुछ बोला।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि बच्चियों की शादी 18 साल में नहीं 21 साल में होगी। कानून कहता है कि 18 साल में मनपसंद लड़की से रिलेशनशिप कर सकते हैं। जब 18 साल में लड़की वोट डाल सकती है तो शादी क्यों नहीं कर सकती। हम वजीर ए आजम से पूछना चाहते हैं कि मोदी सरकार आगरा की मस्जिद को खूबसूरत नहीं बना सकती, दिल्ली की जामा मस्जिद का पुनर्निर्माण नहीं कर सकती, मथुरा की मस्जिद को नहीं सुधार सकते, तो फिर सबका साथ सबका विकास कहां है? सब कहते हैं कि हमें वोट दे दो, लेकिन जब सीएए की बात होती है तो सभी पार्टियों के नेता चुप हो जाते हैं। सपा-बसपा मुस्लिमों को डराती हैं, कहती है कि हमें वोट नहीं दोगे तो बीजेपी की सरकार बन जाएगी, लेकिन सपा-बसपा ने मुसलमान को क्या दिया है, केवल दंगे। (इनपुट- भाषा)