Gujarat Assembly Elections: गुजरात में विधानसभा चुनाव को अब बस कुछ ही दिन का वक्त बचा है। यहां विधानसभा की 182 सीटों के लिए 1 दिसंबर को पहले चरण का मतदान होगा। चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है। जिसके चलते राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। आज हम विधानसभा की केशोद सीट के बारे में बात करने वाले हैं। यहां पिछले चुनाव में यानी 2017 में भाजपा जीती थी। ये सीट जूनागढ़ जिले में पड़ती है। केशोद विधानसभा सीट के लिए करीब दो लाख मतदाता हैं। ये शहर शिक्षा, संस्कृति और अन्य सुविधाओं के मामले में लगातार विकास के पथ पर चल रहा है।
केशोद सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है। साल 1972 में इस सीट पर कांग्रेस के टिकट से परबत चावड़ा चुनाव जीते थे। जिसके बाद से कभी भी कांग्रेस यहां जीत दर्ज नहीं कर पाई है। केशोद विधानसभा सीट में गांव काफी अधिक आते हैं। इस सीट के तहत रहने वाले लोगों की आय खेती पर निर्भर करती है। यही वजह है कि कृषि और खेती से जुड़े मुद्दे इस विधानसभा सीट में हमेशा से ही चर्चा में बने रहते हैं। केशोद सीट पर पाटीदार आंदोलन का असर देखने को मिला था। लेकिन बावजूद इसके बीजेपी ने कोली समुदाय पर भरोसा जताया था। वहीं कांग्रेस ने पाटीदार समुदाय के उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया था।
2012 में बीजेपी ने जीती थी सीट
इस सीट पर साल 2012 में बीजेपी के अरविंद लडानी ने चुनाव जीता था। वहीं 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा, कांग्रेस, एनसीपी, आईएनडी समेत 12 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे थे। तब बीजेपी के देवाभाई पूंजाभाई मालम ने यहां से चुनाव जीता था। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार जयेशकुमार वालजीभाई लाडाणी को हराया था। इन दोनों नेताओं की हार जीत का अंतर 10 हजार से अधिक वोटों का था।
वहीं अगर मतदान के प्रतिशत की बात करें, तो साल 2017 में केशोद में कुल मतदान प्रतिशत 51.47 फीसदी था। ये विधानसभा सीट पोरबंदर लोकसभा सीट के तहत आती है। जहां से भाजपा के रमेश धडुक सांसद हैं। धडुक ने कांग्रेस नेता ललित वसोया को मात दी थी। उन्होंने 229823 वोटों से जीत दर्ज की थी।