गांधीनगर: गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी की अब तक की सबसे बड़ी जीत हुई है। जो 2002 में भी नहीं हुआ वो 2022 में हो गया। गुजरात में जीत के सभी रिकॉर्ड बीजेपी ने चकनाचूर कर दिया। नरेंद्र मोदी अक्टूबर 2001 में पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे, 2002 में पार्टी ने उनके नेतृत्व में पहला चुनाव लड़ा उस वक्त मोदी का चेहरा इतना पावरफुल साबित हुआ कि पार्टी ने चुनाव में पहली बार 127 सीटें जीत लीं। लेकिन आज बीजेपी ने अपने पिछले सभी रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया
बीजेपी ने दर्ज की भारी जीत
इस बार विपक्ष का लगभग सफाया कर देने वाली बीजेपी की जबर्दस्त जीत की ओर अग्रसर होने के बीच एक खास बात सामने आई कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस बार कांग्रेस के लिए खलनायक की भूमिका निभाई। वोटों के बंट जाने से कई सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को हार मिली है। भारत निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, दोपहर करीब 2.55 बजे तक बीजेपी ने 42 सीटों पर जीत हासिल की है और 115 सीटों पर आगे चल रही है। कांग्रेस ने तीन सीटों पर जीत हासिल की है और वह 13 सीटों पर आगे चल रही है। निर्दलीय ने तीन सीटें जीती और सपा एक सीट पर आगे है।
गुजरात में BJP के किले को भेदना आसान काम नहीं- AAP
वहीं, पूर्वी गुजरात के आदिवासी बहुल इलाकों में भी बीजेपी कमाल कर रही है। उधर, बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी ने गुजरात में हार मानते हुए कहा कि गुजरात पीएम मोदी और अमित शाह का गढ़ रहा है। गुजरात में 27 साल से BJP की सरकार है इसलिए किले को भेदना आसान काम नहीं था।
वोट विभाजन का शिकार बने कांग्रेस उम्मीदवार
पोरबंदर सीट से कांग्रेस के अर्जुन मोढवाडिया ने बीजेपी के बाबू बोखिरिया को 8,000 वोटों से हराया। कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रिका बारिया बीजेपी प्रत्याशी महेंद्रभाई भाभोर से चुनाव हार गए। भाभोर को 60,021 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 32,965 वोट मिले और आप उम्मीदवार शैलेश भाभोर को 28,574 वोट मिले। कांग्रेस के एक अन्य उम्मीदवार, जो AAP और AIMIM द्वारा वोट विभाजन का शिकार बने, दरियापुर निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार ग्यासुद्दीन शेख थे। उन्हें 55,847 वोट मिले, जबकि बीजेपी उम्मीदवार कौशिक जैन को 61,090 वोट मिले, आप के ताज मोहम्मद को 4,164 और एआईएमआईएम के उम्मीदवार को 1,771 वोट मिले।