Highlights
- गोवा में इस बार बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है
- AAP, TMC और अन्य छोटे दल राज्य के चुनावी परिदृश्य पर अपनी छाप छोड़ने की होड़ में
पणजी: गोवा विधानसभा की 40 सीटों पर 301 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने के लिए सोमवार को मतदान होगा, जिसके लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं। परंपरागत रूप से द्विध्रुवीय राजनीति वाले राज्य, गोवा में इस बार बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है, जहां आम आदमी पार्टी (AAP), तृणमूल कांग्रेस (TMC) और अन्य छोटे दल राज्य के चुनावी परिदृश्य पर अपनी छाप छोड़ने की होड़ में हैं। एक निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के लिए मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर दस्ताने उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि महिला मतदाताओं की सुविधा के लिए राज्य में 100 से अधिक महिला मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
चुनाव पर निगरानी रखने के लिए राज्य में 81 उड़न दस्ते सक्रिय हैं। प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (भाजपा), विपक्ष के नेता दिगंबर कामत (कांग्रेस), पूर्व मुख्यमंत्री चर्चिल अलेमाओ (टीएमसी), रवि नाइक (भाजपा), लक्ष्मीकांत पारसेकर (निर्दलीय), पूर्व उप मुख्यमंत्री विजय सरदेसाई (जीएफपी) सुदीन धवलीकर (एमजीपी), पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर और आप के मुख्यमंत्री चेहरा अमित पालेकर शामिल हैं। मतदान के लिए 11 लाख से ज्यादा लोग पात्र हैं। मतगणना 10 मार्च को होगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कुणाल ने कहा कि राज्य में प्रति बूथ पात्र मतदाताओं की औसत संख्या 672 है, जो देश में सबसे कम है। उन्होंने कहा कि वास्को विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 35,139 योग्य मतदाता हैं, जबकि मोरमुगांव सीट पर सबसे कम 19,958 मतदाता हैं। कांग्रेस और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी ने चुनाव लड़ने के लिए महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के साथ गठजोड़ किया है।
शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने भी चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा की थी, जबकि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आप बिना किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ गठबंधन के चुनाव लड़ रही है। रिवॉल्यूशनरी गोअंस, गोएंचो स्वाभिमान पार्टी, जय महाभारत पार्टी और संभाजी ब्रिगेड के प्रत्याशियों के अलावा 68 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में हैं। कुणाल ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि सभी उम्मीदवारों के लिए एक समान अवसर हो। हम मतदान अधिकारियों के जरिए तैयारियों पर भी नजर रख रहे हैं।’’ कुल 105 महिला मतदान केंद्र हैं, जिन्हें ‘पिंक बूथ’ भी कहा जाता है।
राज्य में 2017 के चुनाव के दौरान 82.56 प्रतिशत मतदान हुआ था। उस वक्त कांग्रेस ने 17 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को 13 सीटें मिली थीं।
(इनपुट- एजेंसी)