Goa Vidhan Sabha Chunav 2022: गोवा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और गोवा फारवर्ड पार्टी (जीएफपी) गठबंधन की 40 सीटों की फाइनल लिस्ट सामने आ गई है। इसमें सबसे चर्चित सीट रही नार्थ गोवा की पर्ये विधानसभा सीट जहां कांग्रेस के पूर्व सीएम प्रताप सिंह राणे पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले थे, इसी सीट पर उनकी बहू डॉक्टर दिव्या राणे को बीजेपी ने उम्मीदवार बना दिया है।
ऐसे में इस पर्ये विधानसभा सीट पर ससुर वर्सेस बहू की लड़ाई होने वाली थी लेकिन ऐन वक्त पर हेल्थ इशू के चलते प्रताप सिंह राणे ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया जिसके बाद कांग्रेस ने इस सीट से रंजीत राणे को उम्मीदवारी देकर उनसे पर्चा भरवाया। वहीं पर्ये विधानसभा सीट के ठीक बगल वाली सीट वालपाई विधानसभा सीट से प्रतापसिंह राणे के बेटे और पूर्व हेल्थ मिनिस्टर विश्वजीत राणे को भी बीजेपी ने उम्मीदवारी दी है।
ऐसे में नॉर्टग गोवा से प्रताप सिंह राणे के चुनाव न लड़ने से अब पर्ये और वालपाई विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की मजबूत दावेदारी हो गई है जीत को लेकर क्योंकि पर्ये विस सीट से कांग्रेस ने आनन-फानन में जिस रंजीत राणे को टिकट दिया है वो उस विधानसभा सीट के लिए नए चेहरे हैं ऐसे में प्रतापसिंह राणे ने चुनाव न लड़कर अपनी बहू और बेटे के जीत की राह आसान कर दी है, ऐसा कहा जा रहा है।
प्रतापसिंह राणे 50 साल एमएलए रहे हैं और गोवा की राजनीति के बहुत बड़े चेहरे माने जाते हैं, उनके चुनाव लड़ने से नार्थ गोवा की करीब 5 सीटों पर कांग्रेस पार्टी को मजबूत स्थिती में आने का मौका मिलता जो बीजेपी ने अपने रणनीति से अब अपनी पार्टी के पाले में कर लिया है।
आज ही प्रतापसिंह राणे का 83वां जन्मदिन है और ये जन्मदिन उनके घर पर बीजेपी के सीएम प्रमोद सावंत की उपस्थिति में मनाया गया, जिसके बाद ये चर्चा भी चल पड़ी है कि प्रतापसिंह राणे ने अपनी बहू और बेटे के लिए खुद की पार्टी कांग्रेस को छोड़ दिया है। हालांकि अब तक प्रताप सिंह राणे ने कांग्रेस से बाहर निकलने की घोषणा नहीं की है। प्रतापसिंह राणे गोवा राज्य के 1987 से 2007 तक 4 बार मुख्यमंत्री रहे हैं।
प्रतापसिंह राणे ने 26 और 27 तारीख को अपनी विधानसभा पर्ये में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ चुनाव प्रचार भी किया था और विधानसभा की श्री भूमिका मंदिर, श्री आजोबा मंदिर और श्री म्हालसा मंदिर में चुनाव प्रचार का नारियल भी चढ़ाया था, जिसके बाद कांग्रेस को यकीन हो गया था कि इस बार भी प्रतापसिंह राणे निश्चित चुनाव लड़ेंगे लेकिन आज नामांकन के आखिरी दिन 83 साल के राणे ने चुनाव की रेस से खुद को बाहर कर लिया।
प्रतापसिंह राणे 2007 में गोवा विधानसभा के असेम्बली स्पीकर भी रहे हैं और कई बार मंत्री भी रहे हैं। 2017 में जब कांग्रेस पार्टी को 17 सीट मिली थी उसमें 5 पूर्व मुख्यमंत्री चुनाव जीतकर आये थे, जिसमें प्रतापसिंह राणे, दिगम्बर कामत, रवि नाईक, ल्यूजन फ्लेरो और एनसीपी से चर्चिल अलीमाओ, ये 5 पूर्व सीएम थे और सब के सब दोबारा सीएम बनने के लिए लड़ रहे थे जिस चक्कर में बीजेपी से मनोहर पर्रिकर ने गोवा फारवर्ड पार्टी और एमजीपी को साथ लेकर अपनी सरकार बना ली थी और कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी ओपोजिशन में बैठी रही।