Highlights
- किशोर उपाध्याय ने कहा कि वह अपने वनाधिकार आंदोलन के सिलसिले में विभिन्न लोगों से मुलाकात कर रहे हैं।
- उपाध्याय ने कहा कि वह चाहते हैं कि उत्तराखंड का आगामी विधानसभा चुनाव पर्वतीय राज्य के मुद्दों को लेकर लड़ा जाए।
- उपाध्याय वनाधिकार आंदोलन के प्रणेता हैं जो राज्य के वन संसाधनों पर स्थानीय लोगों के अधिकार की लड़ाई लड़ रहा है।
देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने सोमवार रात देहरादून में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के वरिष्ठ नेताओं से भेंट की। उनकी इस मुलाकात के बाद मीडिया में अटकलें लगायी जा रही हैं कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। यह मुलाकात प्रदेश बीजेपी के संगठन महासचिव अजय कुमार के आवास पर हुयी, जिसमें भगवा पार्टी के चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी भी मौजूद थे। हालांकि, उपाध्याय ने उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को अफवाह बताते हुए खारिज कर दिया।
‘आंदोलन के सिलसिले में कर रहे हैं मुलाकात’
उपाध्याय ने कहा कि वह अपने वनाधिकार आंदोलन के सिलसिले में विभिन्न लोगों से मुलाकात कर रहे हैं क्योंकि वह चाहते हैं कि उत्तराखंड का आगामी विधानसभा चुनाव पर्वतीय राज्य के मुद्दों को लेकर लड़ा जाए। उन्होंने लोगों से ऐसी ‘अफवाहों’ पर ध्यान नहीं देने की अपील की। उपाध्याय, वनाधिकार आंदोलन के प्रणेता हैं। यह आंदोलन राज्य के वन संसाधनों पर स्थानीय लोगों के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ रहा है। चुनावी मौसम में बीजेपी के नेताओं के साथ उनकी मुलाकात को लेकर उनके दल बदलने की संभावना से जुड़ी अटकलों को बल मिला।
हाल में राज्य के कई नेताओं ने किया है दल-बदल
बता दें कि हाल में राज्य के कई नेताओं ने दल-बदल किए हैं। उत्तरकाशी में पुरोला (सुरक्षित) सीट से बीजेपी के पूर्व विधायक मालचंद और उत्तरकाशी के जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजलवान सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हो गए, वहीं भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी अनंत राम चौहान, जो आम आदमी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष थे, कांग्रेस में शामिल हो गए। अखिल भारतीय क्षत्रिय सेना के संस्थापक अध्यक्ष गौरव सिंह राणा सोमवार को संगठन के पदाधिकारियों के साथ देहरादून में बीजेपी में शामिल हो गए। (भाषा)