गुजरात के पूर्व मंत्री जय नारायण व्यास ने राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी छोड़ दी है। शनिवार को जय नारायण व्यास ने घोषणा की कि उन्होंने लगभग 30 सालों तक पार्टी से जुड़े रहने के बाद भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। व्यास ने कहा कि वह अगले महीने राज्य विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन अपने विकल्प खुले रखे हुए हैं।
लगातार नाराज चल रहे थे व्यास
आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए व्यास ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया। व्यास ने आगे कहा कि वह पाटन जिला भाजपा कमेटी, उसके कामकाज और लगातार हो रहे अपमान से नाखुश हैं। व्यास ने दावा किया कि उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष के साथ इस मुद्दे को उठाया था। बताया ये भी जाता है कि उनकी लंबी नाराजगी का कारण साल 2017 के विधानसभा चुनावों में टिकट कटना भी है। बताते चलें कि जब केशुभाई और नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब जय नारायण व्यास दोनों की सरकारों में मंत्री पद पर भी रह चुके हैं।
"मेरे लिए AAP-कांग्रेस का ऑप्शन खुला"
गुजरात के पूर्व मंत्री जय नारायण व्यास ने कहा कि वह आगामी चुनाव पाटन जिले के सिद्धपुर निर्वाचन क्षेत्र से लड़ेंगे, लेकिन निर्दलीय के रूप में नहीं। व्यास ने यह भी कहा कि वह अपने समर्थकों से चर्चा करने के बाद ही कोई पार्टी तय करेंगे, जिसके लिए उन्होंने बैठक बुलाई है। व्यास ने कहा कि मेरे लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, दोनों के विकल्प खुले हैं। सूत्रों के मुताबिक व्यास ने पिछले दिनों कांग्रेस के बड़े नेता और राजस्थान सीएम अशोक गहलोत के साथ मीटिंग की थी।