नई दिल्ली: हिंदुस्तान एक ऐसा मुल्क है जहां एक आम आदमी की जिंदगी सियासत से काफी ज्यादा जुड़ी होती है। इस मुल्क में हर 4-6 महीने पर कोई न कोई बड़ा चुनाव होता ही रहता है। 2023 की बात करें तो देश के कम से कम 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन राज्यों में त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान, तेलंगाना और संभव हुआ तो जम्मू एवं कश्मीर शामिल है। इनमें से कुछ राज्यों में देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी की सरकार है, तो कुछ राज्यों में दूसरे दल सत्ता में हैं। आइए, एक-एक कर इन राज्यों की सियासी हालत का जायजा लेते हैं।
त्रिपुरा: भारत में इस साल चुनावी सीजन की शुरुआत उत्तर पूर्व के राज्यों से होनी है। इन राज्यों में सबसे बड़ा सूबा त्रिपुरा है, जहां बीजेपी के नेतृत्व में एक गठबंधन सरकार है। 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अकेले दम पर बहुमत हासिल किया था, और विप्लव कुमार देव के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। बाद में 15 मई 2022 को बीजेपी ने माणिक साहा को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया। त्रिपुरा में फरवरी 2023 में चुनाव हो सकता है।
मेघालय: फरवरी 2023 में मेघालय में भी विधानसभा चुनाव हो सकता है। 60 सदस्यों वाली मेघालय विधानसभा में कोनराड संगमा के नेतृत्व में नेशनल पीपुल्स पार्टी की गठबंधन सरकार है। इस गठबंधन सरकार में यूनाइटेड डेमोक्रिेटक पार्टी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट और भारतीय जनता पार्टी शामिल है।
नागालैंड: नागालैंड में 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में NDPP ने 60 में से 18 सीटें जीती थीं, और 12 सीटें जीतने वाली बीजेपी की मदद से गठबंधन सरकार बनाई थी। उन चुनावों के बाद NDPP के नेता नेफ्यू रियो मुख्यमंत्री बने थे। नागालैंड में एक बार फिर फरवरी 2023 में चुनाव हो सकते हैं।
कर्नाटक: दक्षिण भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक कर्नाटक में मई 2023 में चुनाव हो सकते हैं। 2018 में हुए चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल पाया था, जिसके बाद कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन दिया था और कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि बाद में बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब हो गई थी और पहले येदियुरप्पा और बाद में बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया गया था।
छत्तीसगढ़: लंबे समय तक बीजेपी के मजबूत गढ़ रहे छत्तीसगढ़ को 2018 में कांग्रेस ने जीत लिया था। छत्तीसगढ़ में नवंबर 2023 में चुनाव हो सकते हैं। सूबे में इस समय भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है। 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने बीजेपी को करारी मात दी थी और राज्य में रमन सिंह के लंबे मुख्यमंत्रित्व काल का अंत किया था।
मध्य प्रदेश: देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक मध्य प्रदेश में नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव हो सकता है। 2018 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और कमलनाथ के नेतृत्व में उसकी सरकार भी बनी थी। हालांकि कुछ समय बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस के कई विधायकों ने बगावत कर दी और एक बार फिर बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बन गए।
मिजोरम: उत्तर पूर्व के एक और राज्य मिजोरम में भी 2023 के नवंबर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। सूबे में इस समय मिजो नेशनल फ्रंट की सरकार है जिसने 2018 के विधानसभा चुनावों में 40 में से 26 सीटें जीतकर बड़ी जीत दर्ज की थी, और पार्टी के नेता जोरामथंगा मुख्यमंत्री बने थे। जोरामथंगा से पहले कांग्रेस नेता लाल थनहवला लगातार 10 सालों तक मुख्यमंत्री रहे थे। थनहवला इसके पहले जनवरी 1989 से लेकर दिसंबर 1998 तक भी मुख्यमंत्री रह चुके थे।
राजस्थान: क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में दिसंबर 2023 में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। सूबे में इस समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है। 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने बीजेपी को करारी मात दी थी और वसुंधरा राजे को राज्य की सत्ता से बेदखल कर दिया था। माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनावों में दोनों दलों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है।
तेलंगाना: दक्षिण भारत के अहम राज्य तेलंगाना में दिसंबर 2023 में चुनावी बिगुल बज सकता है। 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब भारत राष्ट्र समिति) ने 119 में से 88 सीटों पर जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया था। चुनावों के बाद पार्टी के नेता के. चंद्रशेखर राव लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने थे। माना जा रहा है कि 2018 के चुनावों में मात्र एक सीट जीतने वाली बीजेपी 2013 में BRS को कड़ी टक्कर दे सकती है।
जम्मू एवं कश्मीर: 2023 में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर में भी चुनाव हो सकता है, हालांकि यह किस महीने में होगा, इसका अनुमान लगाना मुश्किल है। अगस्त 2019 में राज्य से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को खत्म करने के बाद इस जम्मू एवं कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया था और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया था। जम्मू एवं कश्मीर में 2019 से ही राष्ट्रपति शासन लागू है और सरकार लेफ्टिनेंट गवर्नर चला रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि 2023 में जम्मू एवं कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव हो सकते हैं।