Highlights
- पांच राज्यों के केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ की जाएगी समीक्षा बैठक
- राजनीतिक दलों को 300 लोगों या स्थल की क्षमता के 50 प्रतिशत के साथ इनडोर बैठकें करने की दे रखी अनुमति
- पांच राज्यों में 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच होगी वोटिंग, मतों की गिनती 10 मार्च को होगी
कोरोना की वर्तमान स्थिति को देखते हुए शनिवार निर्वाचन आयोग स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक करेगा और चुनावी प्रचार के लिए सार्वजनिक रैली, जनसभाओं व रोड शो के संबंध में स्थितियों पर विचार करेगा।
चुनाव आयोग पांच राज्यों के केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ समीक्षा बैठक करेगा, जिसमें चुनाव के मद्देनजर कोरोना के हालातों पर गौर किया जाएगा। जानकारी पांच चुनावी मतदान वाले राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर के स्वाथ्स्य सचिवों के साथ वर्चुअल बैठक की जाएगी, जिसमें टीकाकरण और कोविड के वर्तमान स्थितियों पर चुनाव के नजरिए से विचार किया जाएगा। इसके अनुसार फिर अभियान, रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंधों के बारे में निर्णय किया जाएगा। यह बैठक आयोग द्वारा पांच चुनावी राज्यों में सार्वजनिक रैलियों, जनसभाओं और रोड शो पर प्रतिबंध 15 जनवरी से 22 जनवरी तक एक सप्ताह के लिए बढ़ाए जाने के बाद हो रही है। आयोग ने, हालांकि, राजनीतिक दलों को 300 लोगों या स्थल की क्षमता के 50 प्रतिशत के साथ इनडोर बैठकें करने की अनुमति दे रखी है।
15 जनवरी को, चुनाव आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और पांच चुनाव वाले राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों, मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ वर्चुअल बैठकें की थीं। चुनाव आयोग के एक बयान में कहा गया था कि तीन सदस्यीय कमेटी ने वर्तमान स्थिति और कोविड महामारी के अनुमानित रुझानों की व्यापक समीक्षा की, जिसमें पांच चुनावी राज्यों पर खास विशेष ध्यान दिया गया था।
रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध पहली बार 8 जनवरी को उस समय लगाया गया था, जब निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी।इन पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच मतदान होगा, जबकि मतों की गिनती 10 मार्च को होगी।