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Assembly Elections 2022: चुनाव आयोग ने रैलियों, रोड शो पर लगी रोक 31 जनवरी तक बढ़ाई, यहां दी गई थोड़ी राहत

भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने शनिवार को चुनावी राज्यों में रैलियों और रोड शो पर लगी रोक को 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया है। हालांकि, भारत निर्वाचन आयोग ने पहले चरण के उम्मीदवारों को थोड़ी राहत दी है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 22, 2022 18:50 IST
Election Commission of India - India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Election Commission of India 

Highlights

  • अभी बंद रहेंगी चुनावी रैलियां और रोड शो
  • 10 लोग कर सकेंगे डोर टू डोर कैंपेन- चुनाव आयोग

नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने शनिवार को चुनावी राज्यों में चुनावी रैलियों, जुलूस और रोड शो पर लगी रोक को 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया है। हालांकि, भारत निर्वाचन आयोग ने पहले चरण के उम्मीदवारों को थोड़ी राहत दी है। चुनाव आयोग ने राहत देते हुए पहले और दूसरे चरण के उम्मीदवारों को सभा 500 लोगों की सीमा तक करने की अनुमति दी है।

चुनाव आयोग (ECI) ने 31 जनवरी, 2022 तक शारीरिक चुनावी रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध बढ़ा दिया है। साथ ही ECI ने डोर टू डोर कैंपेन के लिए 5 व्यक्तियों की सीमा को बढ़ाकर 10 व्यक्ति कर दिया है। चरण 1 के लिए राजनीतिक दलों या चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की शारीरिक सार्वजनिक बैठकों के लिए 28 जनवरी, 2022 से और चरण 2 के लिए 1 फरवरी, 2022 से छूट दी गई है।

डोर टू डोर कैंपेन में शामिल हो सकेंगे 10 लोग

भारत चुनाव आयोग ने कहा कि 31 जनवरी 2022 तक रोड शो, पद-यात्रा, साइकिल/बाइक/वाहन रैली और जुलूस की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा डोर टू डोर कैंपेन के लिए 5 व्यक्तियों की सीमा बढ़ाकर 10 व्यक्ति कर दी गई है। आयोग ने कहा कि COVID प्रतिबंधों के साथ निर्दिष्ट खुले स्थानों पर प्रचार के लिए वीडियो वैन की अनुमति दी गई है। पहले चरण के लिए राजनीतिक दलों या चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की फिजिकल सार्वजनिक बैठकों के लिए 28 जनवरी, 2022 से और चरण 2 के लिए 1 फरवरी, 2022 से छूट दी गई है। संक्रमण और टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा के लिए शनिवार को हुई बैठक में इस पर सहमति बनी। शनिवार को भारत चुनाव आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और पांच राज्यों के मुख्य स्वास्थ्य सचिवों के साथ एक वर्चुअल बैठक के बाद ये फैसला लिया।

चुनाव आयोग ने इंडोर में मीटिंग के लिए 500 या हॉल की क्षमता के अनुसार 50% तक की मंजूरी दी है। इसके लिए जिला चुनाव आयोग से पहले इस संबंध में मंजूरी लेना अनिवार्य होगा और कोरोना के नियमों का पालन करना भी जरूरी है। सिर्फ सोशल मीडिया पर कैम्पेन करने की इजाजत रहेगी।

चुनाव आयोग ने कहा है कि वह फिर से स्थिति की समीक्षा करेगा और भविष्य में फिजिकल रैलियों की इजाजत दी जाए या नहीं इस पर आगे फैसला लेगा। बता दें कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच होंगे। चुनाव के नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे।

बता दें कि बीती 9 जनवरी को पांचों राज्यों की चुनावी तारीख के ऐलान के साथ ही 15 जनवरी तक रैली, नुक्कड़ सभाओं, पद यात्रा, साइकिल रैली पर पूरी तरह से बैन लगाया गया था। 15 जनवरी को समीक्षा करने के बाद आयोग ने इस पाबंदी को लागू रखा। हालांकि, पार्टियों को कुछ राहत देते हुए कमरे की 50 प्रतिशत क्षमता के साथ इनडोर सभा आयोजित करने की अनुमति दी गई थी।

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