कर्नाटक चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे बयानों के तीर और भी तीखे और विवादित होते जा रहे हैं। कभी कोई 'नालायक बेटा' वाला बयान देता है तो कोई किसी वरिष्ठ नेता को 'विषकन्या' कह देता है। यही वजह है कि चुनाव आयोग (EC) ने बुधवार को कर्नाटक के भाजपा विधायक बासनगौड़ा पाटिल यतनाल और कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे को नोटिस थमा दिया। निर्वाचन आयोग ने दोनो नेताओं को 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान 'विषकन्या' और 'नालायक बेटा' जैसे शब्दों के इस्तेमाल को लेकर नोटिस जारी किया।
क्यों ना कार्रवाई शुरू की जाए?
चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में दोनों नेताओं को 4 मई (गुरुवार) को शाम पांच बजे तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने और व्यक्तिगत हमले करने के आरोप में ये नोटिस जारी किया गया है। चुनाव आयोग ने दोनों नेताओं से यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाए?
प्रियांक खरगे और बासनगौड़ा यतनाल के बयान पर नोटिस
कर्नाटक के विजयपुरा निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक यतनाल ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को 'विषकन्या' (जहरीली महिला) कहा, तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक ने एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'नालायक बेटा' कहा। यतनाल ने AICC अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की टिप्पणी की आलोचना करते हुए 'जहरीली महिला' वाली टिप्पणी की थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी की तुलना 'जहरीले सांप' से की थी।
कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश
चुनाव आयोग ने व्यक्तिगत हमलों को रोकने के उद्देश्य से राजनीतिक दलों और स्टार प्रचारकों को निर्देश दिए हैं। आयोग ने कहा था कि उसने कई नेताओं को चुनाव प्रचार के दौरान भाषा की मर्यादा की अनदेखी करते देखा है। चुनाव आयोग ने अधिकारियों को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का भी निर्देश दिया है।
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