भारतीय चुनाव आयोग ने आज हिमाचल प्रदेश के चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है। लेकिन इन तारीखों के साथ ही चुनाव आयोग ने कहा कि अगर आपने किसी वजह से वोट नहीं दिया तो चुनाव आयोग आपसे संपर्क कर सकता है। वोट ना देने वालों से चुनाव आयोग ये अपील कर सकता है कि आप चुनाव के अगले चरण में अपना बहुमूल्य वोट जरूर डालें।
जागरूकता के लिए नोडल अधिकारियों की होगी नियुक्ति
मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने शुक्रवार को कहा कि आयोग ने 500 से अधिक कर्मचारियों वाले उद्योग, विभागों और संगठनों से संपर्क किया है कि वे मतदान न करने वाले कर्मचारियों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करें। कुमार ने कहा, ‘‘मतदान के बाद, ये नोडल अधिकारी इन गैर-मतदान कर्मचारियों को समझाने की कोशिश करेंगे। हम उन तक पहुंचने की कोशिश करेंगे और कहेंगे 'कृपया अगली बार कोशिश करें'। यह एक तरह की जागरूकता है जिसे हम शुरू करेंगे।’’
कम मतदान वालें जिलों में चार महानगर शामिल
संवाददाता सम्मेलन में चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि आयोग चुनाव प्रक्रिया के प्रति शहरी उदासीनता के मुद्दे को हल करने की कोशिश में अपनी ऊर्जा केंद्रित कर रहा है। कुमार ने कहा कि चार महानगर उन 7-8 जिलों में शामिल हैं, जहां 2019 के आम चुनावों में सबसे कम मतदान हुआ था। सीईसी ने कहा, ‘‘हम मतदान के प्रति शहरी उदासीनता पर बहुत गंभीरता से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव अधिकारियों और जिला अधिकारियों को उन मतदान केंद्रों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा गया है, जहां प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में सबसे कम मतदान प्रतिशत देखा गया है।
दिव्यांगों और तीसरे लिंग के लोगों के नामांकन के लिए विशेष कदम
कुमार ने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से ऐसे केंद्रों का दौरा करने, कम मतदान के कारणों का पता लगाने और लोगों के सामने आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि आयोग के तीन व्यापक उद्देश्य हैं - स्वतंत्र और निष्पक्ष, समावेशी, सुलभ और प्रलोभन मुक्त चुनाव कराना। सीईसी ने कहा कि आयोग चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी बढ़ाने के लिए कॉलेजों और विश्वविद्यालयों तक भी पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि आयोग युवा, शहरी, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) और तीसरे लिंग के मतदाताओं सहित अधिकतम मतदाता भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भी प्रयास कर रहा था। कुमार ने कहा, ‘‘दिव्यांगों और तीसरे लिंग के लोगों के नामांकन के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं।’’