Assembly Election: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद मनीष तिवारी ने मुख्यमंत्री पद को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मेरा व्यक्तिगत मानना है कि लोकतंत्र में सीएम चुनने का अधिकार निर्वाचित विधायकों के पास होता है। अभियान का नेतृत्व कौन करेगा, अभियान का चेहरा कौन बनेगा, यह पार्टी तय कर सकती है।
मनीष तिवारी ने कहा कि जहां तक हिंदू-सिख का सवाल है, पंजाब में यह कभी कोई मुद्दा नहीं रहा। कभी मुद्दा होता तो श्री आनंदपुर साहिब से सांसद नहीं होता। कांग्रेस नेता और सांसद मनीष तिवारी ने पंजाब में हिंदू सिख के विवाद पर साफ किया कि प्रदेश में यह कोई मुद्दा नहीं है। तिवारी आम आदमी पार्टी के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सुनील जाखड़ को हिंदू होने के कारण कांग्रेस की तरफ से सीएम नहीं बनाया गया।
तिवारी ने कहा-मुझे आश्चर्य तब होता जब लिस्ट में मेरा नाम होता
मनीष तिवारी ने पंजाब विधानसभा चुनाव संबंधी पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में अपना नाम शामिल नहीं होने को लेकर पार्टी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि अगर इस सूची में उनका नाम होता, तो उन्हें हैरानी होती। लोकसभा सदस्य तिवारी ने ट्वीट किया, ‘‘अगर इसके (सूची में नाम नहीं होना) उलट होता, तो मुझे हैरानी होती। अब कारण भी किसी से छिपे नहीं हैं।’’ तिवारी ने कहा कि जहां तक हिंदू-सिख का सवाल है, पंजाब में यह कभी कोई मुद्दा नहीं रहा। कभी मुद्दा होता तो श्री आनंदपुर साहिब से सांसद नहीं होता। तिवारी ने कहा कि पंजाब में हिंदू और सिख में कोई अंतर नहीं है। यह सच है कि शायद उस समय सुनील जाखड़ को रोकने के लिए दिल्ली में बैठे किसी 'मठाधीश' ने इतनी संकीर्ण मानसिकता का इस्तेमाल किया होगा।