सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट के लिए सपा की टिकट पर डिंपल यादव ने आज अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सपा नेता राम गोपाल यादव सहित कई बड़े नेता मौजूद रहे। पर्चा दाखिल करने के बाद डिंपल यादव ने कहा, ''मैं सभी को धन्यवाद करना चाहती हूं। मुझे पूरी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में मैनपूरी की जनता का आर्शीवाद समाजवादी पार्टी के साथ रहेगा।''
मैनपुरी की जनता पर मुझे पूरा भरोसा है: अखिलेश
इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा, ''यहां की जनता के सहयोग से वो आगे बढ़े हैं आज जब वो नहीं हैं तब मैं जनता से यही कहूंगा कि हम उनके बताए हुए रास्ते पर हम सब चलेंगे। मैनपुरी से डिंपल प्रत्याशी हैं तो मुझे पूरा भरोसा है कि यहां की जनता जैसे हमेशा साथ दी है वैसे फिर देगी और हमें ऐतिहासिक वोटों से जिताएगी।'' अखिलेश ने कहा, ''मैनपुरी का चुनाव उन परिस्थितियों में होने जा रहा जब हमारे बीच नेता जी(समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव) नहीं हैं। नेता जी का इस क्षेत्र की जनता से सीधे-सीधे लगाव रहा है और उनकी राजनीति का पूरा संघर्ष मैनपुरी से शुरू हुआ है।''
अपने ससुर मुलायम सिंह का लिया आशीर्वाद
नामांकन दाखिल करने से पहले अखिलेश यादव और डिंपल यादव मुलायम सिंह यादव के समाधि स्थल पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपने दिवंगत पिता की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उनका आशीर्वाद लिया। पर्चा भरने से पहले डिंपल यादव ने राम गोपाल यादव के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। बता दें, समाजवादी पार्टी के गठन के बाद से मैनपुरी में ये पहला चुनाव होगा। जब मुलायम सिंह नहीं होंगे। अखिलेश यादव के लिए यही सबसे बड़ी चनौती होगी।
बीजेपी में मंथन जारी
समाजवादी पार्टी ने डिंपल यादव को उम्मीदवार बनाया है। तो वहीं बीजेपी जिताऊ कंडिडेट के लिए मंथन कर रही है। जिसमें कई नामों पर चर्चा है। बीजेपी से जो नाम चर्चा में हैं उसमें 'अपर्णा यादव' जो मुलायम की बहू हैं, प्रेम सिंह शाक्य, जो 2019 में मुलायम सिंह यादव को मैनपुरी की सीट पर कड़ी टक्कर दे चुके हैं, रघुराज शाक्य और ममतेश शाक्य के नाम पर चर्चा है। बीजेपी जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह चौहान के नाम पर भी बीजेपी विचार कर रही है।
यहां यादव वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है
मैनपुरी में करीब 18 लाख वोटर हैं, जिसमें सबसे ज्यादा 4 लाख 30 हज़ार यादव मतदाता हैं। शाक्य वोटरों की संख्या 3 लाख के करीब है। 2 लाख के करीब क्षत्रिय वोटर हैं। दलित वोट करीब डेढ़ लाख है। तो वहीं 1 लाख 10 हज़ार ब्राह्मण मतदाता हैं। वहीं लोध वोटर भी करीब 1 लाख के करीब हैं। 50 हजार मुस्लिम मतदाता हैं। जबकि 20 हज़ार के करीब वैश्य वोटर हैं।