MCD Election 2022: दिल्ली नगर निगम चुनाव में AAP ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है। 15 वर्षों का BJP का शासन अब समाप्त हुआ है। आप ने MCD चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 134 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि BJP के खाते में 104 सीटें आई हैं। कांग्रेस को 9 सीटें मिली हैं जबकि अन्य के खाते में 3 सीटें आई हैं। वहीं इस चुनाव में सबसे अदिक चर्चा मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों का है। दिल्ली नगर निगम के 250 वार्ड में आने वाले मुस्लिम बाहुल्य की अधिकत्तर सीटों पर आप ने अपना कब्जा जमाया है। इन वार्डों के आए परिणामों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि आम आदमी पार्टी पर मुस्लमानों का भरोसा कायम है। 250 में से 21 वार्ड मुस्लिम बाहुल्य हैं। जिनमें से 11 पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों की जीत हुई है।
21 में से 11 मुस्लिम वार्डों पर AAP का कब्जा
दिल्ली नगर निगम के चुनाव में 250 वार्डों के लिए मतदान हुए थे। जिनमें से 21 वार्डों पर मुस्लिम वोटरों का प्रभाव ज्यादा देखने को मिलता है। लेकिन आम आदमी पार्टी इन वार्डों में मुसलमानों का भरोसा जीतने में कामयाब रही है। AAP ने 21 में से 11 वार्डों पर अपना कब्जा जमाया है। वहीं 6 वार्डों में कांग्रेस का दमखम देखने को मिला है। जबकि बीजेपी के 3 प्रत्याशियों ने इन वार्डों में जीत हासिल की है। एक निर्दलीय प्रत्याशी भी इस क्षेत्र से जीतने में कामयाब रहा है। दिल्ली नगर निगम चुनाव में सबसे ज्यादा कांग्रेस ने मुस्लिम उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे थे। उन्हें अपने मुस्लिम वोटर बैंक पर पूरा भरोसा था लेकिन हुआ कुछ और ही। कांग्रेस ने MCD चुनाव में 24 मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया था। वहीं आम आदमी पार्टी ने 7 मुस्लिम प्रत्याशियों पर भरोसा जताया था। बीजेपी ने सबसे कम सिर्फ 4 मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया था।
BJP के सभी मुस्लिम कैंडिडेट्स हारे
चुनावों में वोट को लेकर हमेशा चर्चा का विषय मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र और वहां के कैंडिडेट्स होते हैं, चाहे वह लोकसभा चुनाव हो, विधानसभा चुनाव या नगर निगम चुनाव हो। MCD चुनावों में भी यहीं नजारा देखने को मिला। BJP ने 4 मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनावी जंग में उतारा था। लेकिन उन चारों उम्मीदवारों को हार का मुंह देखना पड़ा है। बता दें कि BJP ने चांदनी महल से इरफान मलिक, मुस्तफाबाद से शबनम मलिक, कुरेश नगर से समीना रजा और चौहान बांगर से सब गाजी को उतारा था। लेकिन सभी उम्मीदवारों को दिल्ली नगर निगम चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। यानी यह कि BJP के लाख कोशिशों के बाद भी वह मुसलमानों का भरोसा जीतने में नाकामयाब रही है।