गुजरात चुनाव के सबसे बड़े चुनावी शो चुनाव मंच में सबसे पहले गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने शिरकत की। इस दौरान एक सवाल के जवाब में गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा, "मेरे बाद भी मेरे परिवार से कोई पॉलिटिक्स में आएगा या नहीं मुझे नहीं पता, क्योंकि मेरा जन्म गांधी परिवार में नहीं हुआ है। मेरा जन्म हीरे के व्यापार से जुड़े एक मध्यमवर्गीय व्यापारी परिवार में हुआ है। मुझे भारतीय जनता युवा मोर्चा के साथ गुजरात के गांव-गांव में जाने का मौका मिला। मैं राजनीति और सामाजिक काम करता रहता हूं। मैंने कई बार कहा है कि मात्र 27 साल की उम्र में बीजेपी, विशेषकर नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने मुझे चुनाव लड़ने का मौका दिया।"
मोरबी पुल हादसे पर बोले गुजरात के गृह मंत्री
वहीं इस दौरान मोरबी हादसे पर बात करते हुए हर्ष सांघवी ने कहा, "मोरबी का हादसा बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण था। हादसे के तुरंत बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने निर्णय लिया कि इसकी जांच एक हाई लेवल कमेटी करे। हादसे के कुछ ही देर बाद मामला भी दर्ज किया गया, बचाव कार्य भी तेजी से शुरू किया गया। हादसे का पहला घायल मरीज घटना के 18 मिनट बाद ही सिविल हॉस्पिटल में पहुंच गया था। हादसे के बाद लोगों को राहत देने के लिए सभी प्रकार की व्यवस्था की गई। मोरबी के लोगों ने जिस तरह सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर मदद की, वह देश के लिए रोल मॉडल है क्योंकि 5 किलोमीटर दूर अस्पताल तक पहुंचने के लिए किसी भी एंबुलेंस को एक ब्रेक मारने की भी जरूरत नहीं पड़ी।"
घड़ी-बल्ब बनाने वाली कंपनी को ठेका क्यों दिया?
इस दौरान घड़ी और बल्ब बनाने वाली कंपनी को पुल बनाने का ठेका देने के सवाल पर हर्ष सांघवी ने कहा, "यह एक ऐतिहासिक ब्रिज था। वह मोरबी शहर की पहचान था। कंपनी ने पीपीपी मॉडल के तहत पुल को चलाने के लिए इसे मांगा था, सरकार ने पैसा लेकर कोई ठेका नहीं दिया। उनको सिर्फ ब्रिज चलाने के लिए दिया गया था। पुल के मरम्मत की जिम्मेदारी प्रॉपर एजेंसियों की थी। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं सभी परिवारों को न्याय मिलेगा।"
"मोरबी हादसे की 360 डिग्री जांच हो रही"
वहीं मोरबी पुल हादसे में टिकट चेकर और क्लर्क वगैरह को गिरफ्तार करने के सवाल पर सांघवी ने कहा, "आप अगर FIR पढ़ेंगे तो उसमें किसी भी दोषी व्यक्ति के बचने की गुंजाइश नहीं है। हमने इसमें क्लियर लिखा है कि इस ब्रिज की मरम्मत करने वाली कंपनी और इससे ताल्लुक रखने वाले सब लोग हैं। दूसरे नंबर पर ब्रिज को PPP मॉडल पर चलाने वाली कंपनी का नाम और तीसरे इससे जुड़े हुए सभी लोग भी इसमें शामिल हैं। वे (विपक्ष) सिर्फ एक व्यक्ति का नाम चाहते हैं। इतने बड़े हादसे के लिए 360 डिग्री जांच की जा रही है। इस हादसे से जुड़ा एक भी व्यक्ति नहीं बचेगा।"
2002 में असामाजिक तत्वों को सबक सिखाने वाले बयान पर क्या बोले?
इंडिया टीवी के चुनाव मंच पर बात करते हुए हर्ष सांघवी ने 2002 में असामाजिक तत्वों को सबक सिखाने के अमित शाह के बयान पर सांघवी ने कहा, "मेरी उम्र के लोगों को पता होना चाहिए कि किस प्रकार से बीजेपी, नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने गुजरात को बनाने के लिए संघर्ष किया है। 2002 के पहले आप कभी गुजरात आए थे? आज आप कॉन्क्लेव कर रहे हैं, लेकिन उस समय आपको पूछना पड़ता कि कल कर्फ्यू लगा है या नहीं। मेरे राज्य की ऐसी हालत थी। आप कभी पोरबंदर गए हैं? पोरबंदर, राजकोट, अहमदाबाद और सूरत जैसे शहर गुजरात के कानून से नहीं चलते थे। इन शहरों के बाहर बड़े-बड़े पोस्टर लगते थे और उनके गुंडों के नाम से ये शहर चलते थे।"