अहमदाबाद : ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आज कहा, 'गृह मंत्री अमित शाह ने 2002 के गुजरात दंगों में खुले तौर पर राज्य की मिलीभगत को मान लिया है।' ओवैसी ने आगे कहा- अमित शाह खुद कह रहे हैं कि 'सांप्रदायिक हिंसा में शामिल होने वाले को ऐसे सबक सिखाया जाता था कि पिछले 20 वर्षों के दौरान एक बार भी कर्फ्यू लगाने की नौबत नहीं आई।' इससे ये बात साफ तौर पर जाहिर हो जाती है।
इंडिया टीवी के दिनभर चले कॉन्क्लेव 'चुनाव मंच' में सवालों का जवाब देते हुए ओवैसी ने कहा, 'होम मिनिस्टर स्टेट वायलेंस को जस्टिफाई कर रहे हैं। अगर सबक सिखाया तो बिलकिस बानो का रेप करने वालों को क्यों छोड़ा? नरोडा पाटिया में 92 मुसलमानों का मर्डरर जब बाहर निकलता है तो मोदी को वोट देने की भीख मांगता है। पब्लिक लाइफ (सार्वजनिक जीवन) में क्या ये आपकी प्रोबिटी (ईमानदारी) है कि चुनाव जीतने के लिए कातिल को जेल से बाहर निकलवा कर वोट मांगोगे। आप इसको सबक सिखाना कह रहे हैं? जबकि उसमें State complicit (राज्य की मिलीभगत) था। बिलकिस बानो को 18 बार घर बदलना पड़ा। बिलकिस बानो का मुद्दा सिर्फ मुसलमानों का मुद्दा नहीं है। पूर्व सांसद जाफरी को मार डाला गया। आप यह मान रहे हैं यह स्टेट स्पॉन्सर्ड वायलेंस (राज्य प्रायोजित हिंसा) था।'
मैं समान नागरिक संहिता के खिलाफ हूं-ओवैसी
ओवैसी ने कहा, 'मैं समान नागरिक संहिता के खिलाफ हूं क्योंकि यह अनुच्छेद 29 के खिलाफ है जो कहता है कि प्रत्येक नागरिक को अपनी विशिष्ट भाषा, लिपि या संस्कृति के संरक्षण का अधिकार है। AIMIM चीफ ने देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) लाने के बीजेपी के कदम का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा, मैं यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ इसलिए हूं क्योंकि आर्टिकल 29 मुझे ये (प्रत्येक नागरिक को अपनी विशिष्ट भाषा, लिपि या संस्कृति के संरक्षण का) अधिकार देता है, ये मेरे कल्चर का हिस्सा है, जिसे आप छीन नहीं सकते।"
"नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे का डाटा रिलीज कर दें, कौन लोग सेकेंड वाइफ रखते हैं, बता दें आप? क्या आप यूनिफॉर्म सिविल कोड, असम, मेघालय, नॉर्थ-ईस्ट, मिजोरम में ला सकते हैं, जहां दो बीवी नहीं, जहां एक-एक महिला 4-4 शादी कर सकती है, जिसे पालीऐन्ड्री (बहुपति प्रथा)कहते हैं। उनके सोशल लाइफ को हमने संविधान में प्रोटेक्शन दिया हुआ है। मैं कल्चरल प्रोटेक्शन आर्टिकल 29 से लेता हूं जो unfettered right (निर्बाध अधिकार) है। क्या आप दायभाग कानून को मानेंगे या मिताक्षरा कानून को मानेंगे ? इस देश की खूबसूरती इसका प्लुरलिज़म (बहुलतावाद) है।
दायभाग लॉ स्कूल के तहत, बेटे के जन्म के साथ संपत्ति में कोई स्वामित्व हासिल नहीं होता है, बेटा अपने पिता की मौत के बाद ही संपत्ति में स्वामित्व या हिस्सेदारी प्राप्त कर सकता है, जबकि मिताक्षरा लॉ के तहत व्यक्ति को जन्म से ही अपने पिता की संपत्ति में स्वामित्व या हिस्सेदारी हासिल हो जाती है।
गुजरात में तो लोग रात को टॉनिक पीते हैं-ओवैसी
अवैसी ने कहा, 'आप बार-बार बोलते हैं, एक देश, एक कानून। फिर स्टेट लिस्ट, यूनियन लिस्ट, कन्करन्टम लिस्ट क्यूं है? डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स ( निर्देशक सिद्धांतों) में भले ही यूनिफॉर्म सिविल कोड है, पर ये भी है कि देश भर में शराब पर पाबंदी लगा दो। गुजरात में तो लोग रात को टॉनिक पीते हैं, सुना है घर पर डिलिवरी होती है। अगर आप डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स को फॉलो कर शुक्रवार और शनिवार की रात शराब पर पाबंदी लगा देंगे, तो जनता रोड पर निकल आएगी जनता। डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स में है कि देश की दौलत लोगों में समान रूप से बांट देना है। 50 प्रतिशत दौलत 7 लोगों के पास है। कौन से डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स की बात कर रहे हैं आप?
इस आरोप पर कि AIMIM हमेशा अप्रत्यक्ष तौर पर बीजेपी की मदद करने के लिए विपक्ष के वोट काट रही है, ओवैसी ने कहा, 'गुजरात में हमने 14 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा, जिनमें से एक ने हमारा साथ छोड़ दिया और कांग्रेस में शामिल हो गया। बाकी 169 सीटें बची हैं। वे लोग इन 169 सीटों पर बीजेपी को हराने की कोशिश क्यों नहीं करते?
ओवैसी ने कहा, '2014 से मोदी ने भारत की राजनीति में जो नया लैंडस्केप तैयार किया, उसको कांग्रेस और छोटा रिचार्ज पार्टी (आप) भी फ़ॉलो कर रही है कि पूरे भारत की राजनीति से मुसलमानों को इनविजिवल कर दो। एक मुसलिम मिनिस्टर नहीं है कैबिनेट में। देश देख रहा है। 2006 में सच्चर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 7 प्रतिशत मुस्लिम सरकारी कर्मचारी हैं। आज यह घटकर एक परसेंट हो गया है।
ओवैसी ने आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि वह 'नरेंद्र मोदी के नक्शेकदम पर चल रहे हैं। उन्होंने तब्लीगी जमात को 'कोरोना का सुपर स्प्रेडर' बताया, उन्होंने दिल्ली दंगों पर एक शब्द भी नहीं कहा, न ही यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में बोल रहे हैं। वे मुस्लिम इलाकों में जाते हैं और 'बीजेपी को रोकने के लिए वोट मांगते हैं। लेकिन हिंदू इलाकों में वे लोगों को बताते हैं कि उन्होंने मोहल्ला क्लीनिक कैसे खोला हैं। उनकी पार्टी बीजेपी की 'छोटी रिचार्ज' पार्टी है।