लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 36 MLC सीट के लिए चुनाव होना है। 15 मार्च से प्रदेश में MLC चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो रही है। MLC चुनाव को लेकर भाजपा की लखनऊ में कोर ग्रुप की बैठक होने वाली है। कोर ग्रुप की बैठक से पहले सूत्रों के हवाले खबर आ रही जिसके मुताबिक उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हारे हुए विधायकों और मंत्रियों को बीजेपी की तरफ से बड़ा झटका देने की तैयारी में है। बीजेपी के हारे हुए विधायक और मंत्रियों को एमएलसी का उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा। भाजपा अन्य कार्यकर्ताओं को इस बार मौका देगी।
ऐसे में क्या होगा हारे हुए मंत्रियो का
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रचंड लहर के बावजूद उसके कई मंत्री चुनाव हार गए। यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कुछ प्रमुख नेता और मंत्रियों इस विधानसभा में चुनाव हार गए है। अगर ऐसा होता है तो इसमें केशव प्रसाद मौर्य, सुरेश राणा, संगीत सोम, सतीश द्विवेदी, उपेंद्र तिवारी जैसे कई नाम जो चुनाव हार चुके है उनको दुबारा मौका नही मिलेंगा।
हारे हुए मंत्री
क्रम संख्या विधानसभा सीट हारे हुए मंत्री किसने हराया
1 सिराथू केशव प्रसाद मौर्य पल्लवी पटेल
2 थानाभवन सुरेश राणा अशरफ अली खान
3 पट्टी मोती सिंह राम सिंह पटेल
4 बहेरी छत्रपाल सिंह गंगवार अताउर रहमान
5 चित्रकूट चंद्रिका उपाध्याय अनिल कुमार
6 बैरिया आनंद स्वरूप शुक्ला जय प्रकाश अंचल
7 फेफना उपेंद्र तिवारी संग्राम सिंह यादव
8 हुसैन गंज रणवेंद्र सिंह धुन्नी उषा मौर्य
9 दिबियापुर लखन सिंह राजपूत प्रदीप यादव
10 इटवा सतीश द्विवेदी माता प्रसाद पांडेय
11 गाजीपुर संगीता बलवंत जय किशन
केशव मौर्या जा रहे संगठन में..?
केशव को सौंपी जाएगी संगठन की कमान ? चुनाव में हारने के बाद केशव की भूमिका को लेकर आलाकमान कर रहा मंथन। सरकार में नम्बर दो रहे केशव प्रसाद मौर्या का सियासी सफ़र अब नए मोड़ पर आ गया है। कभी सरकार में अपनी हनक दिखाने वाले मौर्या नयी सरकार में अपनी भूमिका के लिए आलाकमान के भरोसे है। पार्टी आलाकमान विचार कर रहा है कि केशव को deputy cm पद पर ही बनाए रखा जाए या प्रदेश अध्यक्ष बनाकर संगठन की ज़िम्मेदारी सौंप दी जाए। चूँकि केशव पिछड़ा समाज की मौर्या बिरादरी से आते है और स्वामी प्रसाद मौर्या के सपा में शामिल होने के बाद मौर्या शाक्य सेनी कुशवाह के लिए बीजेपी से जुड़े होने का कारण केशव ही है और केशव के क़द का मौर्या समाज में कोई नेता भी नही है ऐसे में केशव मौर्या को पार्टी प्रमुख भूमिका में रखना चाहती है। चर्चा है कि सरकार में मुखिया योगी रहे तो संगठन की कमान केशव सम्भाले ताकि लोकसभा 2024 चुनाव से पहले संगठन को भी मजबूत रखा जाए।