लखीमपुर: देश के 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों के नतीजे कहीं न कहीं भारतीय जनता पार्टी के लिए संतोषजनक कहे जा सकते हैं। हालांकि हम जिस सीट की बात करेंगे, वह उत्तर प्रदेश की गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट है। इस सीट पर बीजेपी की जीत न सिर्फ समाजवादी पार्टी के लिए बल्कि पूरे विपक्ष के लिए चिंता का विषय हो सकती है। दरअसल, इस सीट पर बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी जैसे प्रमुख दलों ने अपने उम्मीदवार खड़े नहीं किए थे, फिर भी समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट को हार का सामना करना पड़ा।
बीजेपी प्रत्याशी अमन गिरी को 50 फीसदी से ज्यादा वोट
प्रमुख विपक्षी पार्टियों द्वारा इस सीट पर चुनाव न लड़ने के बावजूद समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी बीजेपी के उम्मीदवार को टक्कर नहीं दे पाए। इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अमन गिरी को 1.25 लाख के आसपास वोट मिले और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के विनय तिवारी को 30 हजार से भी ज्यादा मतों के अंतर से मात दी। अमन गिरी को 55 फीसदी से भी ज्यादा वोट मिले यानी कि इस विधानसभा क्षेत्र के आधे से ज्यादा मतदाताओं ने बीजेपी को चुना। पिछले 2 विधानसभा चुनावों में बीजेपी उम्मीदवार को कभी भी 50 फीसदी वोट नहीं मिले थे।
पूरे विपक्ष के लिए टेंशन की बात क्यों है बीजेपी की जीत
दरअसल, 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में भी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अरविंद गिरी ने गोला गोकर्णनाथ से बड़ी जीत दर्ज की थी, लेकिन उन चुनावों में अरविंद कभी भी 50 फीसदी वोट नहीं ला पाए थे। इस बार बड़ी विपक्षी पार्टी के तौर पर समाजवादी पार्टी मैदान में थी, लेकिन फिर भी उसके उम्मीदवार बीजेपी कैंडिडेट को कड़ी टक्कर नहीं दे पाए। विपक्ष के लिए चिंता की बात यह है कि बीजेपी धीरे-धीरे अपना बेस वोट बढ़ाती जा रही है जबकि विपक्ष का वोटबैंक लगातार टूटता गया है।
दूसरे राज्यों से भी बीजेपी के लिए आई अच्छी खबर
बिहार की मोकामा और गोपालगंज विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। मोकामा में RJD की जीत लगभग तय मानी जा रही थी, लेकिन पार्टी वहां से बड़ी जीत दर्ज करने में नाकाम रही। वहीं, RJD और JDU के साथ होने के बावजूद बीजेपी गोपालगंज सीट को बचाने में कामयाब रही। अन्य राज्यों में भी भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा और उसके कई उम्मीदवार सफल रहे। उपचुनाव के नतीजों को देखते हुए कहा जा सकता है कि आने वाले दिन विपक्ष के लिए चुनौती भरे हो सकते हैं।