Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों से कुछ ही दिन पहले, राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने को लेकर सोमवार को प्रदेश उपाध्यक्ष सहित अपने पांच बागी नेताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया। निलंबित किए गए बीजेपी नेताओं में पूर्व विधायक तेजवंत सिंह नेगी (किन्नौर), किशोरी लाल (अन्नी), मनोहर धीमन (इंदोरा), के एल ठाकुर (नालागढ़) और पार्टी की हिमाचल प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष कृपाल परमार शामिल हैं।
'पार्टी ने छह साल के लिए किया निलंबित'
भाजपा द्वारा इन नेताओं को टिकट नहीं दिए जाने पर वे सभी अपनी-अपनी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। राज्यसभा के पूर्व सदस्य परमार फतेहपुर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी के एक बयान में कहा गया है, ‘‘बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने को लेकर कार्यकर्ताओं को छह साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है।’’
बीजेपी के 11 मौजूदा विधायकों को नहीं मिला टिकट
इससे पहले भाजपा के 12 से ज्यादा नेताओं ने घोषणा की थी कि वे 12 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, हाई कमान के हस्तक्षेप के बाद पूर्व सांसद महेश्वर सिंह, युवराज कपूर और धर्मशाला ब्लॉक के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नाम वापस ले लिया है। बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में अपने 11 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है और दो मंत्रियों का विधानसभा क्षेत्र बदल दिया है।