Highlights
- शिवपाल-अखिलेश की मुलाकात पर बीजेपी ने कहा, चुनाव पर नहीं पड़ेगा असर
- शिवपाल-अखिलेश की मुलाकात को लेकर यूपी में गरमाई सियासत
- यूपी चुनाव में शिवपाल-अखिलेश के गठबंधन का कितना पड़ेगा असर?
Uttar Pradesh Vidhan Sabha Chunav 2022: यूपी चुनाव के मुद्देनजर लखनऊ में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव शिवपाल सिंह यादव और समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव की मुलाकात को लेकर राजनीति गरमा गई है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव की मुलाकात पर बीजेपी की पहली प्रतिक्रिया सामने आयी है। भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि इस मुलाकात से चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इधर अखिलेश यादव गुरुवार को अपने चाचा शिवपाल यादव के गौतमपल्ली, लखनऊ स्थित आवास पर पहुंचकर सबको चौंका दिया।
अखिलेश और शिवपाल के बीच गठबंधन और विलय दोनों विकल्पों पर चर्चा हुई
यूपी में अगले साल यानी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले गुरुवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में अपने चाचा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के घर जाकर मुलाकात की। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव के बीच करीब 45 मिनट चली मुलाकात में कई बातों पर मंथन हुआ है। गठबंधन और विलय दोनों विकल्पों पर चर्चा हुई है। गठबंधन पर आगे बढ़े तो शिवपाल अपने पार्टी के लोगो के लिए 25 से 40 सीट चाहते हैं। शिवपाल ने समीकरण सहित उन सीटों की जानकारी अखिलेश को दी है। दूसरा विकल्प विलय का है, जिस पर भी बात हुई है। विलय की सूरत में शिवपाल को प्रदेश स्तर पर संगठन में या राष्ट्रीय महासचिव के तौर पर समायोजित करने को लेकर मंथन हुआ है। शिवपाल और अखिलेश की मुलाकात के बाद से यूपी में राजनीति गर्मा गई है।
शिवपाल ने पार्टी विलय के दिए थे संकेत
बीते दिनों ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव एक बार फिर साथ आ सकते हैं। अखिलेश ने कहा था कि शिवपाल यादव उनके चाचा है और समाजवादी पार्टी उनका सम्मान करेगी। शिवपाल यादव ने हाल में कई बयानों में यह कहा था कि वह समाजवादी पार्टी में अपनी पार्टी के विलय के लिए भी तैयार हैं और एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव की भी यही इच्छा है।
यूपी विधानसभा चुनाव में शिवपाल सिंह यादव के दल प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव गठबंधन करेंगे या नहीं इस पर भी सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। दरअसल, अखिलेश यादव की नजर यूपी की छोटी पार्टियों पर लगी है। पिछड़ी जातियों वाले दलों का महागठबंधन बनाकर अखिलेश चुनावी लीड की कोशिश में हैं। अब तक समाजवादी पार्टी ने जयंत चौधरी के आरएलडी, ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, केशव देव मौर्य के महान दल, संजय चौहान की जनवादी पार्टी एस, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और अपना दल कमेरावादी से गठबंधन कर चुके हैं। इससे पहले शिवपाल ने अपनी पार्टी के कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी, कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रसपा का समाजवादी पार्टी में विलय हो जाए।