केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक से बीजेपी के सीनियर लीडर प्रह्लाद जोशी ने आज सोमवार को राज्य के सीएम बनने के सवाल पर बात की। उन्होंने अपने सीएम बनने की अटलकों पर विराम लगाते हुए कहा कि वे पीएम मोदी के अधीन काम करना चाहते हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि वह मुख्यमंत्री बनने की इच्छा नहीं रखते हैं क्योंकि वह केंद्रीय स्तर पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अधीन काम करते रहना चाहते हैं।
धारवाड़ से चौथी बार के लोकसभा सदस्य जोशी ने राज्य में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के टिकट बांटने की रणनीति का बचाव करते हुए कहा कि इसका व्यापक उद्देश्य प्रदेश बीजेपी में पीढ़ीगत बदलाव लाना है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, जोशी ने कहा, "नहीं, बिल्कुल नहीं।" केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला एवं खनन मामलों के मंत्री ने कहा, "मुझे लगता है कि मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे मोदी के नेतृत्व में सीधे तौर पर काम करने का मौका मिला है। मैंने अपने जीवन में ऐसा व्यक्तित्व कभी नहीं देखा।"
'मोदी का कार्यकाल स्वर्णिम अक्षरों में होगा'
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि भविष्य में जब भी भारत का इतिहास लिखा जाएगा तो प्रधानमंत्री के रूप में मोदी का कार्यकाल स्वर्णिम अक्षरों में होगा। उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री के रूप में उन्हें बहुत सारे अवसर मिले। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के समय को विशेष रूप से रेखांकित किया और इसका साक्षी बनने को उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण क्षण बताया। उन्होंने कहा, "जब तक मुझे भगवान, लोगों और प्रधानमंत्री का आशीर्वाद प्राप्त है, मैं मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय स्तर पर रहना चाहता हूं।"
'ज्यादा सत्ता विरोधी लहर का सामना नहीं'
जोशी ने कहा कि बीजेपी को चुनावी राज्य कर्नाटक में ज्यादा सत्ता विरोधी लहर का सामना नहीं करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, "जहां कहीं भी सत्ता विरोधी लहर है, ज्यादातर मामलों में यह उन लोगों के खिलाफ है जो विधायक या मंत्री हैं। इसका हमने पहले ही एक अलग तरीके से रास्ता निकाल दिया (टिकट काटकर)। रही बात एक पार्टी के रूप में बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी की तो ऐसा कुछ भी नहीं है और कहीं भी नहीं है। है भी तो बहुत कम है। सत्ता विरोधी लहर का रास्ता हमने कई उम्मीदवारों को बदलकर किया है।"
टिकट बंटवारे की कवायद पर क्या बोले जोशी?
जोशी कुछ तबकों की इस धारणा से सहमत नहीं हुए बीजेपी टिकट वितरण की कवायद को बेहतर तरीके से संभाल सकती थी। उन्होंने कहा, "जब आप बदलाव लाना चाहते हैं तो क्या होगा, जब आप नए चेहरों को लाना चाहते हैं, जब आप पीढ़ी बदलना चाहते हैं, तो कुछ लोग इसे स्वीकार करते हैं, एक या दो लोगों ने इसे स्वीकार नहीं किया है और पार्टी छोड़ दी है। मुझे पूरा विश्वास है कि इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और बीजेपी जीतेगी और पहली बार पूर्ण बहुमत की अपनी सरकार बनाएगी।"
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जगदीश शेट्टार- लक्ष्मण सावदी कांग्रेस में शामिल
गौरतलब है कि टिकट काटे जाने से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने बीजेपी छोड़ दी और दोनों कांग्रेस में शामिल हो गए। जोशी ने इन बातों को खारिज कर दिया कि बीजेपी शेट्टार और सावदी को हराने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रही है, जो अब कांग्रेस उम्मीदवार के तौर परमैदान में हैं। उन्होंने इस बात से भी इंकार किया दोनों नेताओं की हार सुनिश्चित करना बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी इस क्षेत्र में संगठनात्मक रूप से बहुत मजबूत है और शेट्टार एवं सावदी के खिलाफ लड़ रहे अपने उम्मीदवारों की जीत की दिशा में काम कर रही है।
हमारे लिए तो हर एक सीट मायने रखती है: केंद्रीय मंत्री
उन्होंने कहा, "हमारे लिए सभी 224 सीटें प्रतिष्ठित हैं। जब तक आप प्रत्येक सीट को बहुत गंभीरता से नहीं लेते, आप सत्ता में नहीं आ सकते। हमारे लिए तो हर एक सीट मायने रखती है।" यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी के सत्ता में लौटने की स्थिति में बीजपी लिंगायत समुदाय के किसी सदस्य को मुख्यमंत्री बनाने जा रही है, उन्होंने कहा, "हमारे मुख्यमंत्री पहले से ही लिंगायत नेता हैं, स्वाभाविक नेता हैं। वह हमारे स्वाभाविक नेता हैं, वह हमारे मुख्यमंत्री हैं। जहां भी मुख्यमंत्री होता है, हम अगले मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा नहीं करते हैं जो बहुत स्वाभाविक है।"