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भाजपा नहीं ढूंढ़ पाई कांग्रेस की ये तीन काट, इसलिए हिमाचल प्रदेश में लग गई वाट

Himachal News, BJP Vs Congress: एक तरफ गुजरात में भाजपा की भारी जीत और दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश में करारी हार...। बड़े-बड़े विशेषज्ञ भी हिमाचल में भाजपा की इस हार से हतप्रभ हैं। इस हार से अंदरखाने भाजपा में खलबली मची है। हिमाचल प्रदेश में हार की बारीकियों को समझने पर मंथन शुरू हो गया है।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: December 09, 2022 18:13 IST
जेपी नड्डा, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष (फाइल फोटो)- India TV Hindi
Image Source : AP जेपी नड्डा, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष (फाइल फोटो)

Himachal News, BJP Vs Congress: एक तरफ गुजरात में भाजपा की भारी जीत और दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश में करारी हार...। बड़े-बड़े विशेषज्ञ भी हिमाचल में भाजपा की इस हार से हतप्रभ हैं। इस हार से अंदरखाने भाजपा में खलबली मची है। हिमाचल प्रदेश में हार की बारीकियों को समझने पर मंथन शुरू हो गया है। आखिर भाजपा से कौन सी बड़ी चूक हो गई कि पीएम मोदी की अपील भी लगातार दूसरी बार हिमाचल प्रदेश में भाजपा को सत्ता में वापल नहीं ला सकी? वाकई कांग्रेस ने भाजपा को यहां ऐसी पटखनी दी है कि गुजरात में 27 वर्षों बाद ऐतिहासिक जीत दर्ज करने का जश्न भी भाजपा खुलकर नहीं मना पा रही है। आइए अब आपको बताते हैं कि ऐसी कौन सी वजह रही कि भाजपा को कांग्रेस के सामने हिमाचल प्रदेश में घुटने टेकने पड़ गए।

हिमाचल प्रदेश में भले ही वर्ष 1985 से प्रत्येक 5 वर्ष बाद सत्ता बदलने का रिवाज चला आ रहा है, लेकिन भाजपा को पूरी उम्मीद थी कि इस बार यह रिवाज बदल जाएगा। मगर भाजपा रिवाज तो नहीं बदल सकी, लेकिन उसकी सरकार जरूर बदल गई। सूत्रों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में भाजपा नेताओं की गुटबाजी इस हार का प्रमुख कारण बनी है। यहां गुटबाजी के चलते ऐसा भितरघात हुआ कि जिसकी भाजपा ने कल्पना भी नहीं की रही होगी। इसके साथ ही एंटी इन्कम्बेंसी ने भाजपा को सत्ता से दूर धकेल दिया। अगर पीएम मोदी का चेहरा नहीं होता तो भाजपा को इससे भी बड़ी हार का सामना हिमाचल प्रदेश में करना पड़ सकता था। मगर पीएम मोदी की मार्मिक अपील ने काफी हद तक मतदाताओं का आखिरी वक्त में मन बदल दिया। इससे भाजपा 68 विधानसभाओं वाले राज्य में मजबूत विपक्ष कम से कम बन सकी। हालांकि पीएम की यह अपील भाजपा को कांग्रेस के सामने हार से नहीं बचा सकी। अब भितरघात करने वालों को जांच के बाद पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।

कांग्रेस की ये तीन काट भी नहीं ढूंढ़ सकी भाजपा

भाजपा में भितरघात और एंटी इन्कम्बेंसी के अलावा कांग्रेस की तीन काट भी भाजपा नहीं ढूंढ़ सकी, जो हिमाचल में उसकी हार का बड़ा कारण बना। हिमाचल विधानसभा चुनावों के दौरान अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने तीन अहम वादे किए थे। इनमें राज्य में कांग्रेस सरकार बनने पर पुरानी पेंशन बहाली मास्टर स्ट्रोक था। राज्य में हजारों की संख्या में सेवा निवृत्त कर्मचारी हैं, जो लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली की मांग करते आ रहे थे। कांग्रेस ने उनकी दुखती रग पर हाथ रख दिया। इसके अलावा कांग्रेस ने राज्य की सभी महिलाओं के खाते में 1500 रुपये प्रतिमाह देने का बड़ा वादा कर महिला वोटरों को अपनी ओर आकर्षित कर लिया। महंगाई के इस दौर में हिमाचल की महिलाओं को कांग्रेस के इस वादे से रसोई पर पड़ने वाले भार में कमी आने की उम्मीद जग गई। कांग्रेस ने तीसरा सबसे बड़ा वादा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर राज्य में कांग्रेस की सत्ता आने पर 300 यूनिट फ्री बिजली का किया था। कांग्रेस के इन तीन वादों ने उसे हिमाचल प्रदेश की सत्ता दिला दी। भाजपा कांग्रेस के इन तीनों वादों की ही कोई काट नहीं निकाल सकी। उक्त सभी कारण हिमाचल में बीजेपी की हार का कारण बन गए।

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