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विधानसभा चुनाव 2022: cVIGIL ऐप बड़े काम का है, यहां जानिए इसके बारे में पूरी डिटेल

भारत निर्वाचन आयोग ने बताया कि चुनाव आचार संहिता लगने के बाद से लोग सी-विजिल (cVIGIL) ऐप का इस्तेमाल कर सकेंगे। अगर चुनाव में कहीं धांधली हो रही है तो लोग इसके जरिए शिकायत कर सकते हैं और आयोग इस पर एक्शन लेगा।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 30, 2021 18:18 IST
विधानसभा चुनाव 2022: cVIGIL ऐप बड़े काम का है, यहां जानिए इसके बारे में पूरी डिटेल- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV विधानसभा चुनाव 2022: cVIGIL ऐप बड़े काम का है, यहां जानिए इसके बारे में पूरी डिटेल

Highlights

  • आचार संहिता लगने के बाद से लोग सी-विजिल (cVIGIL) ऐप का इस्तेमाल कर सकेंगे
  • अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव समय पर ही होंगे- चुनाव आयोग
  • cVIGIL (सी-विजिल) ऐप को भारत निर्वाचन आयोग ने 2019 में लॉन्च किया था

Assembly Election 2022: यूपी, पंजाब समेत 5 राज्यों में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर लखनऊ में मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कई विशेष जानकारी दी। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि कोरोना को ध्यान में रखते हुए मतदान का समय सुबह 8-5 बजे तक था उसे बढ़ाकर 8-6 बजे तक किया जाएगा। 80 वर्ष से अधिक आयु वाले मतदाता, कोरोना संक्रमित मतदाता और दिव्यांग मतदाताओं को घर पर ही वोट डालने की सुविधा प्रदान की जाएगी। चुनाव आयोग ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ तौर पर कहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव समय पर ही होंगे। चुनाव आयोग चुनावी राज्यों का दौरा कर रहा है और माना जा रहा है कि राज्यों का दौरा खत्म होते ही अधिसूचना जारी की जा सकती है।

भारत निर्वाचन आयोग ने बताया कि आचार संहिता लगने के बाद से लोग सी-विजिल (cVIGIL) ऐप का इस्तेमाल कर सकेंगे। अगर चुनाव में कहीं धांधली हो रही है तो लोग इसके जरिए शिकायत कर सकते हैं और आयोग इस पर एक्शन लेगा। गौरतलब है कि, cVIGIL (सी-विजिल) ऐप को आयोग ने 2019 में लॉन्च किया था। चुनाव से पहले cVIGIL ऐप के बारे में आप भी यहां सबकुछ जान सकते हैं।

जानिए क्या है सी-विजिल ऐप?

सबसे पहले आपको बता दें कि, भारत निर्वाचन आयोग ने सी-विजिल ऐप (cVIGIL App) को चुनावों में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए तैयार किया है। सी-विजिल ऐप की मदद से आप वीडियो बनाकर या फोटो खींचकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। साथ ही अगर कोई नेता आपको लालच देता है या धमकाता है तो भी आप इस ऐप के जरिए शिकायत कर सकते हैं। वहीं इस बात का ध्यान रखना होगा कि इस ऐप के जरिए आप गैलरी में सेव फोटो या वीडियो नहीं भेज पाएंगे। ये ऐप सभी एंड्रॉयड और iOS यूजर्स के लिए तैयार किया है। ऐप पर शिकायत करने के लिए यूजर को केवल स्मार्टफोन के कैमरा और GPS एक्सेस की जरूरत होती है। 

चुनाव को पारदर्शी बनाएगा सी-विजिल ऐप

  • जिस राज्य में चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो जाती है, वहां के लोग इस ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • चुनाव आयोग के मुताबिक, चुनाव तारीखों का ऐलान होने के बाद से वोटिंग खत्म होने तक, कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत सी-विजिल ऐप के जरिए चुनाव आयोग को भेज सकता है।
  • आचार संहिता के दौरान नेताओं की तरफ से किसी भी तरह के कोई गैरकानूनी दस्तावेज बांटने, भ्रष्टाचार और विवादित बयानों की शिकायत इस ऐप के जरिए कर सकते हैं।
  • सी-विजिल ऐप पर शिकायतकर्ता जो भी वीडियो या फोटो अपलोड करेंगे वो 5 मिनट के अंदर स्थानीय चुनाव अधिकारी के पास चला जाएगा। वहीं शिकायत सही है तो 100 मिनट के अंदर ही उस समस्या का समाधान किया जाएगा। 
  • मई 2019 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान इस ऐप का इस्तेमाल पहली बार किया गया था। उसके बाद से लगातार ऐप का इस्तेमाल चुनावों में किया जा रहा है।

ऐसे कर सकेंगे सी-विजिल ऐप पर शिकायत

  • सबसे पहले आपको अपने स्मार्टफोन में सी-विजिल ऐप को इन्स्टॉल करना होगा। ऐप इन्स्टॉल होने के बाद आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके लिए यूजर को नाम, पता, राज्य, जिला, विधानसभा और पिनकोड आदि की जानकारी देना होगी। फिर एक OTP से इसका वैरिफिकेशन किया जाएगा। इसके बाद यूजर शिकायत करने के लिए फोटा या कैमरा को सिलेक्ट करे। शिकायतकर्ता 2 मिनट तक का वीडियो अपलोड कर सकता है। फोटो व वीडियो से जुड़ी डिटेल आप दिए गए एक बॉक्स में लिख सकते हैं।
  • आयोग के मुताबिक, फोटो या वीडियो को भौगोलिक सूचना प्रणाली द्वारा स्वचालित लोकेशन मैपिंग के साथ ऐप पर अपलोड किया जाता है। फोटा या वीडियो अपलोड होने के बाद यूजर को एक यूनिक आईडी मिलेगी। इसके जरिए वे मोबाइल पर ही फॉलोअप ट्रैक कर सकते हैं। शिकायतकर्ता की पहचान को गोपनीय रखा जाता है। हालांकि, ऐप पर पहले से रिकॉर्ड वीडियो या फोटो अपलोड नहीं कर सकते। इतना ही नहीं, ऐप से रिकॉर्ड किए गए वीडियो या फोटो फोन गैलेरी में सेव नहीं होंगे।
  • नागरिक द्वारा शिकायत दर्ज करने के बाद, सूचना जिला नियंत्रण कक्ष में आ जाती है, जहां से उसे फील्ड यूनिट को सौंपा जाता है। एक फील्ड यूनिट में उड़न दस्ता, स्थैतिक निगरानी टीम, रिजर्व टीम आदि होते हैं। प्रत्येक फील्ड यूनिट में एक जीआईएस-आधारित मोबाइल एप्लिकेशन होगा, जिसे ‘सीविजिल इंवेस्टीगेटर’ कहा जाता है, जिससे फील्ड यूनिट जीआईएस संकेतों और नेविगेशन तकनीक का अनुसरण करके सीधे लोकेशन पर पहुंचती है और कार्रवाई करती है।
  • फील्ड यूनिट में शिकायत पर कार्रवाई होने के बाद, उनके द्वारा निर्णय और निपटान के लिए संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को अन्वेषक ऐप के माध्यम से फ़ील्ड रिपोर्ट ऑनलाइन भेजी जाती है। यदि घटना सही पाई जाती है, तो सूचना को भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय शिकायत पोर्टल पर अग्रिम कार्रवाई के लिए भेजा जाता है और जागरुक नागरिक को 100 मिनट के भीतर स्थिति के बारे में सूचित किया जाता है।

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