गुवाहाटी: भारतीय जनता पार्टी के असम के मुख्यमंत्री के हिमंता विस्व सरमा के रूप में चुनाव प्रचार के लिए एक नया ‘पोस्टर बॉय’ मिल गया है। सरमा ने गुजरात और दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान अपने बेबाक अंदाज की वजह से बड़ी संख्या में लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। चाहे वह जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त करने की बात हो, समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की बात हो या PFI पर प्रतिबंध की बात हो, हिमंता विस्व सरमा हर मुद्दे पर मुखर नजर आए हैं।
मुद्दों को पूरे जोर-शोर से उठा रहे हैं सरमा
राम जन्मभूमि मंदिर के मुद्दे और श्रद्धा हत्याकांड के मुद्दे पर उनके हालिया बयान अखबारों की सुर्खियां बने हैं। इसके अलावा कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पर निशाना साधने में भी वह पीछे हटते हुए नहीं दिखे हैं। इस तरह से देखा जाए तो सरमा ने चुनावी राज्य गुजरात में बीजेपी के प्रमुख एजेंडे को मुखरता से आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि मवेशी संरक्षण अधिनियम को पारित करने, अल्पसंख्यक जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगाने, सरकारी मदरसों को बंद करने और उन्हें सामान्य स्कूलों में बदलने जैसी नीतियों पर जोर देने की वजह से वह ध्रुवीकरण की राजनीति के केंद्र में आ गए हैं।
‘मैं पार्टी का एक साधारण कार्यकर्ता हूं’
बता दें कि सरमा खुद को ‘स्टार प्रचारक’ कहे जाने से इत्तेफाक नहीं रखते और खुद को ‘कोई स्टार प्रचारक नहीं बल्कि पार्टी का एक साधारण कार्यकर्ता’ बताते हैं। हिमंता ने गुजरात और दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में जमकर चुनाव प्रचार किया है और उनके बयानों के अंश सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा है। गुजरात और दिल्ली में अपने प्रचार अभियान में उन्होंने कांग्रेस पर एक विशेष समुदाय के फायदे के लिए ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ करने को लेकर निशाना साधा है।
सरमा के बयानों पर बुरी तरह खफा है कांग्रेस
सरमा के निशाने पर राहुल गांधी पिछले कुछ सालों से लगातार रहे हैं। राहुल द्वारा ‘कुत्ते के बिस्किट का प्लेट सामने रखने’ वाला सरमा का बयान काफी वायरल हुआ था। वहीं, अब ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी द्वारा दाढ़ी बढ़ाये जाने पर सरमा ने यहां तक कह दिया कि ‘राहुल गांधी दाढ़ी में इराक के पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसैन जैसे दिखते हैं।’ वहीं, कांग्रेस नेता सरमा के इन बयानों के बारे में कहते हैं कि वह अपने आकाओं को खुश करना चाहते हैं। हालांकि देखा जाए तो सरमा का यह नया रूप बीजेपी के समर्थकों को काफी पसंद आ रहा है और सोशल मीडिया पर उन्हें काफी समर्थन मिल रहा है।