Himachal Pradesh Assembly Elections 2022: हिमाचल प्रदेशकी अर्की विधानसभा सीट चुनाव 2022 की काउंटिंग खत्म हो गई है। यहां से कांग्रेस प्रत्याशी संजय अवस्थी को 29,804 मत मिला और वो 4, 822 वोटों से जीत गए हैं। वहीँ निर्दलीय उम्मीदवार राजेंद्र ने 25547 वोट हासिल किए। बीजेपी के उम्मीदवार गोविंद राम 13031 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे।
अर्की विधानसभा सीट
हिमाचल प्रदेश की अर्की विधानसभा सीट बेहद ही खास सीटों में है। इस सीट से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह ने 2017 का चुनाव जीता था। जुलाई 2021 में उनके निधन के बाद यह सीट खाली हो गई थी, जिस पर उप-चुनाव करवाया गया। उप-चुनाव में कांग्रेस के संजय ने बीजेपी के रत्तन सिंह पाली को शकस्त दी थी। बता दें कि वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रहे हैं। उनको कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में गिना जाता रहा है।
कांग्रेस-बीजेपी में कांटे की टक्कर
अर्की विधानसभा सीट पर कांग्रेस के संजय और बीजेपी से दो बार के विधायक रहे गोविंद राम के बीच मुकाबला था। वहीं इस सीट से आम आदमी पार्टी ने जीत राम को मौका दिया था। हिमाचल के सोलन जिले और शिमला (एससी) लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली अर्की विधानसभा सीट पर ज्यादातर कांग्रेस और बीजेपी का ही वर्चस्व रहा है। हालांकि, कई चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी ने दो-दो चुनाव भी लगातार जीते हैं। साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस के वीरभद्र सिंह को 34,499 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के रत्न सिंह पाल ने दूसरे स्थान पर रहते हुए 28,448 मत प्राप्त किए थे।
वीरभद्र सिंह ने रत्न सिंह को 6,051 वोटों के अंतराल से शिकस्त दी थी। वीरभद्र सिंह के निधन के बाद 2021 में उप-चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस के संजय ने 30,798 वोट हासिल कर बीजेपी के रत्तन सिंह पाल को मात दी थी, जिन्हें 27,579 मिले थे।
इस सीट पर पिछले हुए चुनाव का ब्योरा
बीजेपी ने 2012 और 2007 के विधानसभा चुनाव लगातार जीते थे। 2012 में बीजेपी के रत्नसिंह ने कांग्रेस के संजय को मात दी थी। वहीं, 2007 के चुनाव में बीजेपी के गोविंद राम ने निर्दलीय प्रत्याशी धर्म पाल ठाकुर को हराकर इस सीट पर कब्जा किया था। इस सीट पर 1993 से 2003 तक के तीनों चुनावों को कांग्रेस के धर्म पाल ठाकुर बीजेपी को मात देकर जीतते आए। वहीं, 1990 में बीजेपी के नागिन चंदर पाल, 1985 में कांग्रेस के हीरा सिंह पाल, 1982 में बीजेपी के नागिन चंदर पाल ने यह सीट जीती थी। 1977 में नागिन चंद्र पाल ने जेएनपी के टिकट पर भी यह चुनाव जीता था। इससे पहले 1972 में एलआरपी के हीरा सिंह पाल ने भी कांग्रेस का हराकर चुनाव जीता था।