Highlights
- अनुराग ठाकुर ने कहा कि अखिलेश यादव का बयान उनकी सोच और उनके संस्कारों को दिखाता है।
- दिव्य और भव्य काशी के स्वप्न को चरितार्थ करने की बात न तो सपा सोच सकती थी और न ही बसपा: ठाकुर
- केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बाबा विश्वनाथ धाम के नए रूप को देखकर ही ये लोग घबराए हुए हैं।
लखनऊ: श्री काशी विश्वनाथ धाम को लेकर विपक्षी दलों खासकर समाजवादी पार्टी और सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी के बीच छिड़े जुबानी जंग के बीच केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को बीजेपी हेडक्वॉर्टर से जारी एक बयान में कहा कि 'काशी की भव्यता को और अधिक बढ़ाने वाले बाबा विश्वनाथ धाम के नए रूप को देखकर ही ये लोग घबराए हुए हैं, इस दिव्यता और भव्यता से घबराकर अनर्गल प्रलाप करने वालों की कुत्सित सोच अब सबके सामने आ रही है। अखिलेश यादव का बयान उनकी सोच और उनके संस्कारों को दिखाता है।'
‘बयान उनकी सोच और उनके संस्कारों को दिखाता है’
ठाकुर ने कहा, 'दिव्य और भव्य काशी के स्वप्न को चरितार्थ करने की बात न तो सपा सोच सकती थी और न ही बसपा। भारत के गौरव को पुनः प्रतिष्ठित करने के इस संकल्प के बारे में विचार और उसे सफलतापूर्वक पूरा करने काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही किया है। काशी की भव्यता को और अधिक बढ़ाने वाले बाबा विश्वनाथ धाम के नए रूप को देखकर ही ये लोग घबराए हुए हैं, इस दिव्यता और भव्यता से घबराकर अनर्गल प्रलाप करने वालों की कुत्सित सोच अब सबके सामने आ रही है। अखिलेश यादव का बयान उनकी सोच और उनके संस्कारों को दिखाता है।'
‘मुझे मुलायम जी के लिए कष्ट हो रहा है’
अखिलेश पर तंज कसते हुए ठाकुर ने कहा कि न कोई भाषा थी, न कोई मर्यादा, यह दिखाता है कि सपा और उनके नेताओं में कितनी बौखलाहट है। उन्होंने कहा, 'आज निजी तौर पर मुझे मुलायम जी के लिए कष्ट हो रहा है कि जैसा दुर्व्यवहार अखिलेश जी उनके साथ लगातार करते आये हैं उसे ही उन्होंने अपने आचरण का हिस्सा बना लिया है। अखिलेश को बयान देने से पहले सोचना चाहिए था कि किसके बारे में और किन शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। अपने से बड़ों के बारे में ऐसे शब्दों का प्रयोग करना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह दिखाता है कि कैसे वह काशी का विरोध करते रहे हैं और राम मंदिर का विरोध करते रहे हैं।'
‘आखिरी समय पर वहीं रहा जाता है, बनारस में’
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को इटावा में संवाददाताओं से बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी के वाराणसी के दौरे और वहां पर एक महीने तक कार्यक्रम आयोजित किए जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा था, ‘बहुत अच्छी बात है। एक महीना नहीं, दो महीना, तीन महीना वहीं रहें। वह जगह रहने वाली है। आखिरी समय पर वहीं रहा जाता है, बनारस में।’