इंडिया टीवी-मैटराइज ओपिनियन पोल के अनुसार हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाएगी। सर्वे में यह बात सामने आ रही है। इस हिसाब से 'आप' का हिमाचल प्रदेश में खाता भी नहीं खुल पाएगा। भले ही आम आदमी पार्टी हिमाचल में चुनाव जीतने के लिए बड़े बड़े वादे और दावे कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है।
गुजरात में लोक लुभावन वादे, पर हिमाचल में हकीकत कुछ और
पंजाब में विधानसभा में जीत और भगवंत मान के सीएम बनने के बाद आम आदमी पार्टी का जोश हाई हुआ। उसके बाद गुजरात में धुआंधार प्रचार आम आदमी पार्टी कर रही है। जनता की राय से 'आप' ने अपना सीएम कैंडिडेट भी चुन लिया। केजरीवाल लगातार गुजरात सरकार पर हमला बोल कर स्कूलों की दशा सुधारने, संविदा टीचर्स को नियमित करने सहित कई लोक लुभावनी बातें चुनावी मंचों से कर रहे हैं। लेकिन हिमाचल प्रदेश में चुनावी हकीकत कुछ और ही कहानी कह रही है।
पंजाब में जीती, लेकिन पहाड़ी राज्य की सियासत है कुछ अलग
सर्वे में यह स्पष्ट रूप से बात सामने आई है कि आम आदमी पार्टी का जो जादू पंजाब में चल गया, वैसा पहाड़ी प्रदेश में नहीं चल सकेगा। पहाड़ों की हवा और यहां की राजनीति में कांग्रेस और बीजेपी के अलावा किसी तीसरी पार्टी की आमद को लोगों का ही सपोर्ट मिलने से रहा। इस बात को अब सर्वे भी बयां कर रहे हैं। 'आप' को हिमाचल प्रदेश में कितना चुनावी नफा या नुकसान होगा, इसका अंदाजा सर्वे के इस आंकड़े से भी लगाया जा सकता है कि आम आदमी पार्टी को कुल वोट प्रतिशत में से सिर्फ 2 फीसदी वोट ही प्राप्त हो सकेंगे। वहीं हिमाचल प्रदेश में कुल वोटों के प्रतिशत में से भारतीय जनता पार्टी को 46 फीसदी वोट मिलने की संभावना है। वहीं कांग्रेस को 42 फीसदी वोट मिल सकेंगे।