नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव के नतीजे बुधवार को सामने आ गए। अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी ने इन चुनावों में 250 में से 134 सीटें जीतकर MCD पर बीजेपी के 15 साल के शासन को खत्म कर दिया। MCD चुनावों में पिछले 15 सालों से अजेय रही बीजेपी को 104 सीटें मिलीं जबकि कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ 9 सीटें आईं। MCD चुनावों में BJP को हराकर AAP ने वाकई में जबरदस्त जीत हासिल की है, लेकिन विजय के इस उल्लास में कुछ चिंता करने वाली खबरें भी आई हैं।
1. विधानसभा चुनावों के मुकाबले AAP वोट प्रतिशत घटा
2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को 53.57 फीसदी वोट मिले थे, जबकि बीजेपी 38.51 प्रतिशत वोट ही हासिल कर पाई थी। हालांकि विधानसभा चुनाव और नगर निकाय चुनाव के मुद्दे अलग होते हैं, फिर भी AAP के लिए वोट प्रतिशत में गिरावट चिंता का एक कारण होगा। बुधवार को आए नतीजों के मुताबिक, बीजेपी पर इस बार दिल्ली के 39.09 फीसदी मतदाताओं ने भरोसा जताया है, जबकि AAP को 42.05 प्रतिशत वोट मिले हैं। यानी कि एंटी इंकम्बैंसी के बावजूद AAP एक बड़ी जीत दर्ज कर पाने में नाकाम रही है।
2. मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन की सीटों पर मिली हार
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और जेल मंत्री सत्येंद्र जैन की विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। सिसोदिया की पटपड़गंज विधानसभा में कुल 4 वॉर्ड आते हैं और AAP को इनमें से 3 वार्ड्स में हार मिली है। वहीं, सत्येंद्र जैन की शकूरबस्ती विधानसभा सीट के अंतर्गत पड़ने वाले तीनों वॉर्डों में AAP को हार का सामना करना पड़ा है। बता दें कि ये दोनों नेता भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हैं, और जैन तो लंबे समय से जेल में बंद हैं। माना जा रहा है कि इन सीटों पर भ्रष्टाचार के मुद्दे को जनता ने गंभीरता से लिया है।
3. कई मुस्लिम बहुल इलाकों में पड़े कम वोट
पिछले कुछ चुनावों से आम आदमी पार्टी को मुस्लिम वोटरों का जबरदस्त समर्थन मिला है, लेकिन एमसीडी चुनावों के नतीजे अब एक अलग ही कहानी बता रहे हैं। शाहीन बाग क्षेत्र समेत कई मुस्लिम बहुल इलाकों में AAP को झटका देते हुए मतदाताओं ने कांग्रेस को चुना है। हालांकि ज्यादातर मुस्लिम बहुल इलाकों में AAP के उम्मीदवार ही जीते हैं लेकिन कांग्रेस के 9 पार्षदों में से 6 का मुसलमान होना एक नए समीकरण की तरफ इशारा कर रहा है। जाहिर सी बात है, यह बात AAP नेताओं का ध्यान अपनी ओर जरूर खींचेगी।