गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव आम आदमी पार्टी के लिहाज से चौंकाने वाले हैं। हिमाचल प्रदेश में अब तक मिले सभी 68 सीटों के रुझान में आम आदमी पार्टी का खाता तक नहीं खुल पाया है। वहीं गुजरात में अप्रत्याशित रूप ‘आप‘ की बढ़त दहाई के अंकों में पहुंच गई है।
गुजरात चुनाव में निश्चित ही बीजेपी 132 सीटों पर बढ़त बनाकर कांग्रेस और आप से कहीं ज्यादा आगे चल रही है। लेकिन कांग्रेस के को सिर्फ कुछ सीटों पर ही बढ़त मिली है। इस लिहाज से देखा जाए तो फिलहाल आप के खाते में जाने वाली 10 सीटें वही हैं, जहां कांग्रेस को नुकसान पहुंचा है। ये सीटें और भी बढ़ सकती हैं।
‘आप‘ को पहली ही बार में दहाई की संख्या में सीटें, क्या फैक्टर रहे जिम्मेदार
- आम आदमी पार्टी को गुजरात में दहाई की संख्या में सीटें रुझानों में मिली हैं। इसका सबसे बड़ा फैक्टर है, कांग्रेस का कमजोर होना। जिस तरह से गुजरात में चुनाव प्रचार से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी दूर रहे, इससे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का उत्साह उस स्तर का नहीं बढ़ पाया है। वहीं दूसरी खास बात, जिस ताकत और रणनीति व प्लानिंग के साथ बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने इलेक्शन कैंपेन किया, उसमें कांग्रेस पिछड़ गई। इसका फायदा आप को मिला।
- कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चुनाव प्रचार के ऐन वक्त पहले गुजरात के समर में उतरे। इतनी देर से बड़े स्तर के कांग्रेस नेताओं का मैदान में उतरना कहीं न कहीं कांग्रेस की कम जीजिविषा को दर्शाता है। इसका पूरा फायदा आप को मिलता दिखाई दे रहा है।
- पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत से ‘आप‘ का मनोबल बढ़ा हुआ है। उम्मीद और उत्साह दोनों आप के प्रत्याशियों में रहा। पंजाब की तरह यहां भी पार्टी उलटफेर की उम्मीद करती रही। अभी मतगणना चल रही है और दहाई की संख्या में आप को मिल रही बढ़त इसी बात को पुष्ट करती है कि आप के प्रत्याशियों में गजब का उत्साह प्रचार के दौरान देखने को मिला।
- मुफ्त की घोषणाएंः आम आदमी पार्टी ने मुफ्त में बिजली, पानी और शिक्षा का जो लुभावना ‘लॉलीपॉप‘ गुजरात की जनता को दिया है। उससे कारोबारी राज्य गुजरात की जनता कुछ हद तक बीजेपी के विकल्प के रूप में ‘आप‘ के बारे में सोचने पर विवश हुई।