कोलकाता: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के विधाननगर में सोमवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी की सरकार नोबेल प्राइज की तर्ज पर टैगोर प्राइज की शुरुआत करेगी। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार दुनियाभर में कला, ज्ञान, साहित्य के क्षेत्र में योग्य कार्य करने वाले लोगों को दिया जाएगा। इससे पहले जलपाईगुड़ी में आयोजित एक रैली में सूबे की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा था कि तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों और कांग्रेस को बाहरी लोगों पर निर्भर होना पड़ा है। गौरतलब है कि ममता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह को अकसर ‘बाहरी’ बताकर उनपर हमला करती हैं।
‘नोबेल प्राइज की तर्ज पर शुरू करेंगे टैगोर प्राइज’
शाह ने कहा, ‘नोबेल प्राइज की तर्ज पर टैगोर प्राइज शुरू करके दुनियाभर में कला, ज्ञान, साहित्य के क्षेत्र में योग्य कार्य करता है, उसे टैगोर के नाम से सम्मानित करने का कार्य बंगाल की भाजपा सरकार करेगी।’ बता दें कि रविंद्रनाथ टैगोर (7 मई, 1861 – 7 अगस्त, 1941) विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के नोबल पुरस्कार विजेता थे। उन्हें गुरुदेव भी कहा जाता है। उन्हें बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान फूंकने वाला युगदृष्टा माना जाता है। वह नोबेल पुरस्कार जीतने वाले एशिया के पहले व्यक्ति थे। वह एकमात्र कवि हैं जिनकी दो रचनाएं दो देशों का राष्ट्रगान (भारत का राष्ट्र-गान 'जन गण मन' और बांग्लादेश का 'आमार सोनार बांग्ला') हैं।
‘दीदी देश के प्रधानमंत्री को बाहरी बताती हैं’
जलपाइगुड़ी रैली में शाह ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो बनर्जी उन्हें और मोदी को बाहरी बताती हैं लेकिन उनकी पार्टी अवैध प्रवासियों के वोट पर निर्भर है। शाह ने कहा, ‘क्या मैं बाहरी हूं? क्या मैं इस देश का नागरिक नहीं हूं? दीदी देश के प्रधानमंत्री को बाहरी बताती हैं। दीदी मैं आपको बताता हूं कि बाहरी कौन है। कम्युनिस्टों ने अपनी विचारधारा चीन और रूस से आयात की है। कांग्रेस नेतृत्व भी बाहरी है, यह इटली से आया है। और तृणमूल कांग्रेस का वोट बैंक बाहरी है, अवैध प्रवासी।’ शाह ने कहा कि उनका जन्म इस देश में हुआ है और वह यहीं की मिट्टी में मिल जाएंगे। उन्होंने पूछा, ‘तो फिर मैं कैसे बाहरी हुआ?’