लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को इंडिया टीवी के कार्यक्रम 'चुनाव मंच' पर कई मुद्दों पर बात की। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि शहरों के नाम क्यों बदले जा रहे हैं और इसका क्या फायदा होगा। योगी से जब ऑडियंस ने सवाल किया कि शहरों के नाम बदलने का क्या फायदा होगा तब मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ये उन शहरों की सही पहचान दी है, जो उन शहरों की पौराणिक पहचान थी।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, "हम लोगों ने जो नामकरण किए हैं, ये उन शहरों की सही पहचान दिए हैं जो उन शहरों की पौराणिक पहचान थी। आप अयोध्या को किस रूप में जानेंगे? अयोध्या के रूप में या फैजावाद में? उस जनपद का नाम अयोध्या होना चाहिए या नहीं। क्योंकि देश और दुनिया उस रूप में पहचानती है। अपनी विरासत को ध्यान में रखते हुए हमने नाम रखे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "वैसे ही प्रयागराज का था। रामायण में भी प्रयागराज का उल्लेख है। प्रयागराज हम सबकी पहचान थी, लेकिन भुला दिया गया। जबतक इलाहाबाद में कुंभ होता था, कोई नहीं पूछता था, लोग कहते थे गंदगी है भगदड़ है लेकिन हमने प्रयागराज नाम रखा तो पूरी दुनिया ने सराहा। हम किसी पर अपनी बात को थोप नहीं रहे। हर व्यक्ति को अपनी उपासना विधि अपनाने का पूरा अधिकार है लेकिन अगर किसी ने किसी कालखंड में हमारे ऐतिहासिक स्थलों का नामखंड अपने अनुसार किया है तो हमारा दायित्व है कि हम उसको बदलें।"
उन्होंने कहा, "इतिहास के उस चक्र को सही घुमाने का एक प्रयास है। अपने पूर्वजों पर गौरव की अनुभूति कराने का एक पल है।" योगी ने इस दौरान 'अब्बाजान' पर भी सफाई दी। उन्होंने कहा, "अब्बाजान में कोई चुभने वाली बात है ही नहीं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने बहुत साफ कह दिया था कि अब्बाजान और पिताश्री एक ही होता है। मैं केवल जनता के सामने यह तस्वीर रखना चाहता था कि जो लोग मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति करते हैं, इनका यह चेहरा भी तो देखें। इन्हें मुस्लिम वोट तो चाहिए लेकिन अब्बाजान से परहेज है।"