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बंगाल: चौथे चरण के 22% उम्मीदवारों पर दर्ज हैं आपराधिक मामले, ADR की रिपोर्ट में खुलासा

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में चुनाव मैदान में मौजूद 372 उम्मीदवारों में 22 फीसद ने हलफनामों में अपने विरूद्ध आपराधिक मामले लंबित रहने की घोषणा की है।

Written by: Bhasha
Published on: April 03, 2021 22:48 IST
बंगाल: चौथे चरण के 22% उम्मीदवारों पर दर्ज हैं आपराधिक मामले, ADR की रिपोर्ट में खुलासा- India TV Hindi
Image Source : PTI बंगाल: चौथे चरण के 22% उम्मीदवारों पर दर्ज हैं आपराधिक मामले, ADR की रिपोर्ट में खुलासा

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में चुनाव मैदान में मौजूद 372 उम्मीदवारों में 22 फीसद ने हलफनामों में अपने विरूद्ध आपराधिक मामले लंबित रहने की घोषणा की है। एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफोर्म्स (एडीआर) ने यह जानकारी दी। पश्चिम बंगाल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने 10 अप्रैल के चौथे चरण के 373 प्रत्याशियों में 372 के हलफनामों का विश्लेषण किया। 

एडीआर ने कहा कि सप्ताग्राम निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार विष्णु चौधरी के रिकार्ड का विश्लेषण नहीं किया जा सका क्योंकि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उनका हलफनामा अधूरा था। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘जिन 372 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया, उनमें 81 (यानी 22 फीसद) ने अपने विरूद्ध आपराधिक मामले लंबित होने की घोषणा कर रखी है और 65 (यानी 17 फीसद) ने अपने विरूद्ध गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकारी है।’’ 

एडीआर ने कहा कि 17 फीसदी यानी 65 प्रत्याशी करोड़पति हैं। एडीआर ने कहा कि बड़े दलों में विश्लेषण से गुजरे भाजपा के 44 प्रत्याशियों में 27 (61 फीसद), माकपा के 22 में से 16 (73फीसद), कांग्रेस के नौ में से दो (22फीसद), एआईटीसी के 44 में से 17 (39फीसद) तथा एसयूसीआई (सी) के 26 में से एक (चार प्रतिशत) ने अपने हलफनामों में अपने विरूद्ध आपराधिक मामले लंबित रहने की घोषणा की है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़े दलों में विश्लेषण से गुजरे भाजपा के 44 प्रत्याशियों में 24 (55 फीसद), माकपा के 22 में से 10 (45 फीसद), एआईटीसी के 44 में से 17 (39 फीसद) तथा एसयूसीआई (सी) के 26 में से एक (चार प्रतिशत) ने अपने हलफनामों में अपने विरूद्ध गंभीर आपराधिक मामले लंबित रहने की घोषणा की है। 

उन्नीस उम्मीदवारों ने हलफनामों में घोषणा की है कि महिला के विरूद्ध अपराध से जुड़े मामले उनके खिलाफ लंबित हैं जबकि चार ने अपने खिलाफ हत्या के मामले लंबित रहने की बात कबूली है।

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