नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल और असम विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए शनिवार को मतदान किया जाएगा, जिसमें कई प्रमुख उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी है। दोनों राज्यों में पहले चरण में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 1.54 करोड़ से अधिक है। पश्चिम बंगाल में पहले चरण में 30 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा है, जिनमें से अधिकतर सीटें एक समय नक्सल प्रभावित रहे जंगलमहल इलाके में आती हैं। ऐसे में सबकी निगाहें इस क्षेत्र में होने वाले मतदान पर टिकी हैं। भाजपा जंगलमहल क्षेत्र से अच्छी उम्मीद लगाए बैठी है। साल 2019 में हुए आम चुनाव में इस क्षेत्र की अधिकतर सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई थी। अधिकारियों ने कहा कि इस क्षेत्र में मतदान के लिये सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए हैं। चुनाव आयोग यहां केन्द्रीय बलों की लगभग 684 कंपनियों को तैनात कर रहा है, जिनके पास 10,288 मतदान केन्द्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी होगी।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा महत्वपूर्ण स्थानों पर राज्य की पुलिस को भी तैनात किया जाएगा। पहले चरण में पुरुलिया की नौ, बांकुड़ा की चार, झाड़ग्राम की चार, पश्चिमी मेदिनीपुर की छह सीटों के अलावा पूर्वी मेदिनीपुर की अति महत्वपूर्ण सात सीटों पर मतदान होगा, जो भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है। मतदान के दौरान कोविड-19 नियमों का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी गई है। इन 30 सीटों में से टीएमसी तथा भाजपा ने 29-29 सीटों पर जबकि वाम-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।
टीएमसी पुरुलिया की जॉयपुर सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन कर रही है क्योंकि चुनाव आयोग ने खामियों के चलते उसके उम्मीदवार उज्जवल कुमार का नामांकन रद्द कर दिया था। भाजपा ने बागमंडी सीट झारखंड में अपने गठबंधन सहयोगी एजेएसयू के लिये छोड़ी है। अधिकारियों ने कहा कि झाड़ग्राम में प्रत्येक मतदान केन्द्र पर 11 अर्धसैनिक कर्मियों को तैनात किया जाएगा। राज्य में अब तक हुए किसी भी चुनाव में एक मतदान केन्द्र पर पहली बार इतने सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि अन्य जिलों में प्रत्येक मतदान केन्द्र पर औसतन छह सुरक्षाकर्मी तैनात किया जाएंगे। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया, ''झाड़ग्राम के सभी 1,307 मतदान केन्द्रों को वाम चरमपंथ प्रभावित घोषित किया गया है। हमने मतदान केन्द्रों की निगरानी के लिये ही केन्द्रीय बलों की 127 कंपनियां तैनात करने का निर्णय लिया है।''
पहले चरण में पुरुलिया और झाड़ग्राम जिलों की सभी सीटों पर चुनाव संपन्न हो जाएगा। बागमंडी सीट पर कांग्रेस के दिग्गज उम्मीदवार नेपाल मेहतो की किस्मत दांव पर लगी है जबकि फॉरवर्ड ब्लॉक ने देवरंजन मेहतो को उम्मीदवार बनाया है। एजेएसयू पार्टी की ओर से आशुतोष महतो उम्मीदवार होंगे। टीएमसी से सुशांत महतो किस्मत आजमा रहे हैं। आधिकारिक सीट बंटवारे के अनुसार वाम-कांग्रेस-आईएसएफ के गठबंधन की ओर से इस चरण की 30 सीटों में से 18 सीटों पर वाम दलों, 10 पर कांग्रेस और दो पर आईएसएफ ने उम्मीदवार उतारे हैं। इसके अलावा इस चरण में सलबोनी सीट पर भी सबकी निगाहें होंगी, जहां माकपा ने पूर्व मंत्री सुशांत घोष को मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला भाजपा उम्मीदवार राजीव कुंडु और टीएमसी उम्मीदवार श्रीकांत मेहता से होगा।
घोष 1987 से लेकर 2016 तक इस सीट से विधायक रहे थे। वह कंकाल मिलने के मामले में जेल में थे। फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं। वहीं, असम में पहले चरण के मतदान में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, विधानसभा अध्यक्ष हीरेन्द्रनाथ गोस्वामी और असम की प्रदेश कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष रिपुन बोरा की किस्मत दांव पर है। इसके अलावा सत्तारूढ़ भाजपा तथा असम गण परिषद के कई मंत्रियों की भी किस्मत भी पहले चरण के मतदान के साथ ईवीएम में कैद हो जाएगी।
असम की 126 सदस्यीय विधानसभा की 47 सीटों पर पहले चरण में मतदान होगा। इस चरण में अधिकतर सीटों पर सत्तारूढ़ भाजपा-एजीपी गठबंधन, कांग्रेस नीत विपक्षी महागठबंधन और नवगठित असम जातीय परिषद (एजेपी) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं। राज्य में तीन चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में 27 मार्च, दूसरे चरण में एक अप्रैल और तीसरे चरण में छह अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। अधिकारियों ने कहा कि मतदान सुबह सात बजे शुरू होकर शाम छह बजे समाप्त होगा। कोविड-19 नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिये मतदान का समय एक घंटा बढ़ाया गया है।
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