नई दिल्ली: 4 राज्यों यानी पश्चिम बंगाल, असम, केरल और तमिलनाडु तथा एक केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में हुए चुनावों की मतगणना रविवार 2 मई को होने जा रही है। इन चुनावों पर पूरे देश की नजर टिकी हुई है। हालांकि, कोरोना की वजह से इस साल चुनावों का रंग फीका पड़ा हुआ है लेकिन फिर भी 5 राज्यों के चुनाव नतीजों को पूरा देश देखना चाहता है। चुनाव आयोग ने भी मतगणना को कोरोना के नियमों के तहत कराने की पूरी तैयारी कर ली है।
5 राज्यों के चुनावों के अलावा 13 अलग-अलग राज्यों की 13 विधानसभा सीटों के उप चुनाव और 4 लोकसभा सीटों के उपचुनाव के नतीजे भी आज ही आने वाले हैं। 5 राज्यों की कुल 822 सीटों पर हुए चुनाव तथा 13 राज्यों की 13 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के नतीजे एक साथ आने जा रहे हैं यानी कुल 835 विधानसभा और 4 लोगसभा सीटों के नतीजे घोषित होंगे। वोटों की गिनती के लिए चुनाव आयोग ने पूरी कमर कस ली है।
मतगणना के दौरान कोरोना के नियमों का पूरा ध्यान रखने की हिदायत भी दी गई है। एक साथ इतने बड़े पैमाने पर वोटों की गिनती के लिए चुनाव आयोग ने कुल 2364 काउंटिंग हॉल की व्यवस्था की है, 2016 में 1002 काउंटिग हॉल थे। लेकिन, इस बार काउंटिंग स्टेशनों पर भीड़ कम करने के लिए काउंटिंग हॉल बढ़ाए गए हैं। 2364 काउंटिंग हॉल में लगभग 1.5 लाख काउंटिंग एजेंट मतगणना करेंगे और उन सभी को कोरोना टेस्ट करने के लिए बोला गया है।
शनिवार शाम तक ज्यादातर काउंटिंग एजेंट्स का कोरोना टेस्ट हो चुका है। काउंटिंग स्टेशनों पर किसी भी ऐसे प्रत्याशी को जाने की अनुमति नहीं होगी, जिसकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव नहीं होगी या फिर उसने वैक्सीन की दोनों डोज नहीं ली हों। कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट या फिर वैक्सीन सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य है।
मतगणना पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग ने 95000 काउंटिंग अधिकारी भी नियुक्त किए हैं, इनके अलावा इस काम के लिए 1100 काउंटिंग ऑब्जर्बर भी नियुक्त किए गए हैं। मीडिया कवरेज के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। करवरेज के लिए 12000 से ज्यादा मीडियाकर्मियों को पास दिया गया है।