नोएडा. उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा का चुनाव होना है लेकिन सरगर्मिया अभी से तेज हो चली हैं। इसी कड़ी में शनिवार को इंडिया टीवी द्वारा चुनाव मंच कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बसपा के नेता सुधींद्र भदौरिया, भाजपा सांसद जगदंबिका पाल, जदयू नेता केसी त्यागी और कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने भी शिरकत की।
बसपा के नेता सुधींद्र भदौरिया ने कार्यक्रम में कहा कि पिछले 5 वर्षों में जो उत्तर प्रदेश के हालात रहे हैं, उन्होंने पिछले 70 वर्ष के हालात को हरा दिया, जो कोरोना काल आया वह एक प्राकृति आपदा थी लेकिन जिस तरह का मैनेजमेंट हुआ है प्रदेश और देश में और जनता आहत हुई वह पिछली सारी सीमाएं लांघ गई। यूपी की जनता इस बार मायावती जी को मौका जरूर देगी, उत्तर प्रदेश में जब पंचायत चुनाव होते हैं तो इसी तरह से लूटपाट होती है, इसलिए मायावती ने कहा है कि इस (जिला पंचायत अध्यक्ष) चुनाव में भाग नहीं लेंगे।
जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने कहा कि योगी सरकार जब बनी थी तो लगभग 40 प्रतिशत मतदाताओं ने चुना था, सपा को 2012 में 29 प्रतिशत और बसपा को 2007 में 30 प्रतिशत मतदाताओं ने चुना था। इसलिए इस सरकार से सबसे ज्यादा अपेक्षाएं हैं। जनवरी में योगी 53 प्रतिशत की लोकप्रियता के साथ सबसे पीक पर थे और देश के नंबर वन मुख्यमंत्रियों में उनकी गिनती होती रही है लेकिन जून में वे 46 प्रतिशत पर आ गए।
उन्होंने आगे कहा कि कोरोना एक अंतरराष्ट्रीय दुर्घटना है, भारत की अर्थव्यवस्था अमेरिका के सामने कुछ नहीं है, दुनिया का सबसे बड़ा बैंक है अमेरिका में लेहमन ब्रदर्श वह डिफाल्टर हो गया। यूरोपियन यूनियन की बड़ी बड़ी ताकतें झेल रही हैं, कहीं बेरोजगारी और कहीं तो भुखमरी की हालात हो चुकी है। भारत भी इससे अछूता नहीं रह सकता और इसका असर भारत की अर्थव्यवस्था पर भी हुआ। उत्तर प्रदेश में भी कई घटनाक्रम ऐसे हुए और वह योगी नहीं बल्कि सिस्टम की कमी रही। सीएम योगी से लोगों की अपेक्षाएं बहुत ज्यादा हैं।
केसी त्यागी ने आगे कहा कि बॉर्डर पर जो 7 महीने से किसान बैठे हैं, उनके आंसुओं ने सरकार के प्रति जो अपनी वेदना प्रकट की है। एक कारण यह भी है लोकप्रियता घटने का, पूरा समाज हलचल में है, सभी वर्गों और जातियों के समूह सत्ता में अपनी हिस्सेदारी चाहते हैं। उत्तर प्रदेश में हर जाति की हर एक पार्टी है। जिसके साथ भी समाज के पिछड़े तबके आएंगे वही सरकार बनाएंगे। उन्होंने कहा कि 120 सीटों पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान असरदार है, 45 प्रतिशत बेचैन पिछड़ी जातियां हैं इनकी सत्ता में अगर अच्छी साझीदारी नहीं होगी तो भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सकार को जो लाभांवित योजनाएं चल रही हैं उनका लाभ नहीं होगा।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कोरोना मैनेजमेंट को लेकर WHO ने उत्तर प्रदेश को सराहा है। कोरोना चुनावों में मुद्दा कैसे रहेगा, जिस तरह से योगी आदित्यनाथ ने कोविड संक्रमित होने के बाद भी हर जिले के एक एक अस्पताल में गए हैं। पुराने मुख्यमंत्री कभी ऐसा नहीं करते थे। मुख्यमंत्री एक बार नहीं बल्कि हर जिले में कई बार जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पहले समाजवादी पार्टी की सरकार थी। नोएडा और गाजियाबाद में ही 4-5 घंटे बिजली नहीं होती थी। पूरे उत्तर प्रदेश में बिजली के हालात ऐसे थे लेकिन अब हालात ऐसे नहीं हैं।
जगदंबिका पाल ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में किसानों की फसल पहले से ज्यादा खरीदी जा रही है। गन्ना किसानों का बकाया समय पर उनके बैंक खातों में डाला जा रहा है। यहां तक की पिछली सरकारों का बचा हए एरियर का भुगतान भी योगी सरकार ने किया। किसानों के खाते में हर साल 6-6 हजार रुपए जा रहे हैं, अगर किसान कानून का एक भी प्रावधान किसान के विरोध में है तो सांसद के तौर पर मैं उसे संसद में उठाऊंगा लेकिन ऐसा है ही नहीं।
कांग्रेस पार्टी के नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि कोरोना दुनिया में पहली बार हुआ इससे कोई इंकार नहीं कर सकता, बगल में चीन में हुआ, पर कोरोना को डील योगी जी और मोदी जी कब करते इसपर चर्चा होनी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को मार्च तक उड़ाना बहुत बड़ी गलती थी, हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री जी रात 8 बजे आकर नोटबंदी कर देते हैं, इसी तरह इन्होंने लॉकडाउन लगा दिया और बहुत लोगों ने बुरी तरह झेला, कोरोना बहुत से देशों में आया, लेकिन भारत में अच्छे तरीके से मैनेजमेंट नहीं हुआ। कौन माफ कर सकता है कि अपने देश की ऑक्सीजन 9500 टन, दूसरे देशों को भेज दी गई, क्या यह उचित था, मुद्दा यह भी होगा कि आपने वैक्सीन क्यों बाहर जाने दी, 25 रुपए एक साथ इन्होंने रसोई गैस के बढ़ा दिए, ये सारे मुद्दे चुनाव में बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं।