इंडिया टीवी के विशेष कार्यक्रम चुनाव मंच (Uttar Pradesh Chunav Manch 2021) में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जिसमें से एक सुरक्षा के मुद्दे पर उन्होनें कहा कि 2017 के पहले उत्तर प्रदेश की एक सामान्य छवि देश और दुनिया में अलग थी। उसमें पहचान का एक संकट था। मैं जब संसद में अपना इस्तीफा सौंपने के लिए गया था तब भी मैंने कहा था कि हम उत्तर प्रदेश की छवि बदलने के लिए जा रहे हैं। उस छवि को बदलने के लिए सबसे अच्छा माध्यम था कि हम लोगों के मन सुरक्षा को लेकर एक विश्वास पैदा करें। उत्तर प्रदेश सबसे बड़ी आबादी का राज्य है, लेकिन सांप्रदायिक दंगों के मामले में सबसे नीचे है। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में 28वें नंबर पर है।
शहरों के नामकरण के मुद्दे पर योगी
हम लोगों ने जो नामकरण किया हैं, ये उन शहरों की पौराणिक पहचान रही है। आप अयोध्या को किस रूप में जानना चाहेंगे, अयोध्या के रूप में या फैजाबाद के रूप में? वैसे ही प्रयागराज का भी नाम है। इलाहाबाद बहुत बाद का नाम है। रामायण में भी प्रयाग का उल्लेख है। प्रयागराज हम सबकी, भारत के सनातन मूल्यों की पहचान थी। हमने प्रयागराज नाम रखकर कुंभ किया, पूरी दुनिया वहां आई। पहले वहां भगदड़ वगैरह की बातें सामने आती थीं।
असदुद्दीन ओवैसी पर योगी आदित्यनाथ
असदुद्दीन ओवैसी तो यहां किसी का हित करने नहीं आ रहे हैं। लेकिन उन्होंने मुसलमानों को बैंड बाजा वालों की तरह बताया है तो इसमें कुछ सच्चाई तो जरूर होगी। आज यूपी की कोई पार्टी ऐसी नहीं है जो कह सके कि उसे जनता ने मौका नहीं दिया है। उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों की आबादी 19 फीसदी है जबकि सरकारी योजनाओं में भागीदारी 35 फीसदी। मुसलमानों को सरकारी योजनाओं से काफी फायदा पहुंचा है। यूपी में मुसलमानों को घर और राशन भी मिले हैं। हम किसी का मजहब, जाति या चेहरा देखकर काम नहीं करते है।
अखिलेश यादव पर योगी आदित्यनाथ
अखिलेश यादव जैसे नेता 12 बजे सोकर उठते हैं। इसके बाद 2 बजे तक तैयार होते हैं। इसके बाद अपनी मित्र मंडली के साथ लंच लेने के बाद क्रिकेट खेलने जाते हैं। इसके बाद शाम को साइकिल लेकर पार्क में निकल जाएंगे। इनके पास पढ़ने, लिखने कुछ देखने की फुर्सत तो होती नहीं है। इसलिए इनको जमीनी हकीकत की कोई जानकारी नहीं है और इसे प्रदेश का हर नागरिक भी जानता है।
महागठबंधन पर योगी आदित्यनाथ
पंचायत चुनावों में 75 में से 67 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के बने हैं। 826 विकास खंडों में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में बीजेपी के कार्यकर्ता 650 से ज्यादा सीटों पर विजयी हुए हैं। 2019 के चुनावों में जनता ने महागठबंधन को खारिज किया था। जनता ने हर चुनाव में अपनी सोच दिखाई है।