Highlights
- सपा ने मतदाता सूची से 'डुप्लीकेट' नाम हटाने और फर्जी मतदान रोकने के लिए निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा
- सपा कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदेश में विधान सभावार डुप्लीकेट मतदाताओं को चिन्हित किया जा रहा- पटेल
- सपा ने उत्तर प्रदेश विधान चुनाव 2022 की तैयारी तेज की
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा)ने मतदाता सूची से ‘डुप्लीकेट नाम हटाने और फर्जी मतदाता को मतदान से रोकने के सम्बन्ध में निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा है। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे गये पत्र में कहा गया हैं कि एक नवम्बर 2021 को प्रकाशित मतदाता सूची में भारी अनियमितता एवं गडबड़ी की शिकायत उजागर हुई है। अतः समाजवादी पार्टी मांग करती है कि विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण की अवधि 30 नवम्बर 2021 से बढ़ाकर 31 दिसम्बर 2021 तक कर दिया जाये।
उन्होंने कहा, ‘‘ताकि प्रदेश के प्रत्येक विधान सभा के प्रत्येक मतदेय स्थल (बूथवार) पर सपा कार्यकर्ताओं द्वारा डुप्लीकेट मतदाता की पहचान की जा सके, और चिन्हित डुप्लीकेट मतदाताओं की सूची जिला निर्वाचन अधिकारी को सौंपी जा सके। तथा जिला निर्वाचन अधिकारी उक्त अवधि में चिन्हित डुप्लीकेट मतदाताओं को मतदाता सूची से हटाने का काम कर सके और आगामी विधान सभा की मतदाता सूची त्रुटि रहित हो सके। फर्जी मतदान पर रोक लग सके तथा आगामी विधान सभा चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष हो सके।’’
सपा प्रदेश अध्यक्ष के मुताबिक उत्तर प्रदेश विधान सभा निर्वाचन 2022 की तैयारी के लिए प्रदेश के प्रत्येक विधान सभा के प्रत्येक मतदेय स्थल पर मतदाता सूची से नौ अगस्त 2021 से 31 अक्टूबर 2021 तक डुप्लीकेट नाम को तकनीक द्वारा चिन्हित करके हटाया गया तथा एक नवम्बर 2021 से मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान शुरू हुआ जो 30 नवम्बर तक चलेगा, जिसमें सिर्फ चार दिन शेष बचे हैं।
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची से डुप्लीकेट नाम हटाने की कार्यवाही के बाद भी बहुत बड़ी संख्या में डुप्लीकेट मतदाता, सूची में दर्ज पाये गये हैं जो गम्भीर व चिन्ताजनक है। पटेल ने कहा कि सपा कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदेश में विधान सभावार व मतदेय स्थल वार डुप्लीकेट मतदाताओं को चिन्हित किया जा रहा है जिसमें बड़ी संख्या में डुप्लीकेट मतदाता मिलने की शिकायत प्राप्त हो रही है।